क्या बिहार के शेखपुरा में महिलाएं स्वरोजगार के जरिए आत्मनिर्भर बन रही हैं?

सारांश
Key Takeaways
- बिहार के शेखपुरा में महिलाएं स्वरोजगार की ओर अग्रसर हैं।
- सरकार के द्वारा ब्यूटी पार्लर का मुफ्त प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
- महिलाओं की आर्थिक स्थिति में सुधार हो रहा है।
- कंचन और पिंकी जैसी महिलाएं प्रेरणादायक उदाहरण हैं।
- सरकारी योजनाओं का सही उपयोग आवश्यक है।
शेखपुरा, 10 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार के शेखपुरा में सरकारी स्वरोजगार योजनाओं के अंतर्गत महिलाएं सशक्त और आत्मनिर्भर बन रही हैं। अब महिलाएं आर्थिक रूप से मजबूत होकर अपने परिवारों के लिए सहारा बन रही हैं।
शेखपुरा में ब्यूटीशियन के प्रशिक्षण के माध्यम से महिलाएं ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में स्वरोजगार को अपनाकर आत्मनिर्भर बन रही हैं। केंद्र सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय के तहत कई संस्थान जैसे ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान (आरसेटी) महिलाओं को ब्यूटी पार्लर का मुफ्त प्रशिक्षण प्रदान कर रहे हैं, जिससे वे अपने खुद के ब्यूटी पार्लर खोल सकें। इस प्रशिक्षण के बाद महिलाएं लोन के लिए आवेदन भी कर सकती हैं। अब शहरों के साथ-साथ गांवों में भी ब्यूटी पार्लर जैसे स्वरोजगार में महिलाओं और युवतियों की रुचि बढ़ रही है।
हुसैनाबाद गांव की कंचन देवी ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में बताया कि उन्होंने आरसेटी से ब्यूटी पार्लर का प्रशिक्षण लिया और इसके बाद खुद का व्यवसाय शुरू कर आत्मनिर्भर बन गईं। उन्होंने जीविका समूह से 10 हजार का लोन लेकर अपने गांव में पार्लर खोला। कंचन ने कहा, "पहले हम बहुत गरीब थे। मेरे पति राजमिस्त्री के रूप में काम करते थे, लेकिन अब हम अपना खुद का रोजगार कर रहे हैं और दूसरों को भी रोजगार दे रहे हैं। ब्यूटी पार्लर से अच्छी कमाई कर हम अपने बच्चों की पढ़ाई भी करवा रहे हैं।"
पिंकी देवी ने कहा कि वह पहले एक गृहिणी थीं। उन्होंने आरसेटी से ब्यूटी पार्लर का निशुल्क प्रशिक्षण लिया और अब खुद का ब्यूटीशियन सेंटर चला रही हैं। उन्होंने बताया, "मेरे पति ड्राइवर हैं और पहले हम बहुत गरीब थे। लेकिन ब्यूटीशियन का कोर्स करने के बाद और लोन लेकर अपना रोजगार शुरू करने पर अब हम अपने परिवार को अच्छे से चला रहे हैं। केंद्र सरकार महिलाओं को सशक्त करने के लिए कई योजनाएं चला रही है, इसके लिए मैं पीएम मोदी का आभार प्रकट करती हूं।"