क्या एआई नई तकनीक है जिसे हमें वीएफएक्स नहीं समझना चाहिए? : शेखर कपूर

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क्या एआई नई तकनीक है जिसे हमें वीएफएक्स नहीं समझना चाहिए? : शेखर कपूर

सारांश

निर्देशक शेखर कपूर ने एआई की नई तकनीक पर गहरी और महत्वपूर्ण राय प्रस्तुत की है। उन्होंने स्पष्ट किया कि एआई कोई साधारण ऐड-ऑन नहीं है, बल्कि इसे एक नई तकनीक के रूप में देखना चाहिए। जानिए उन्होंने क्या कहा और क्यों ए-लिस्टर्स इसे समर्थन नहीं देना चाहेंगे।

Key Takeaways

  • एआई एक नई तकनीक है, जो फिल्म निर्माण में बदलाव ला सकती है।
  • यह वीएफएक्स की तरह साधारण ऐड-ऑन नहीं है।
  • अमेरिकी स्टूडियो महंगे बिजनेस मॉडल पर टिके हुए हैं।
  • शेखर कपूर ने फिल्म इंडस्ट्री में अपने करियर की शुरुआत धारावाहिक 'खानदान' से की थी।
  • उन्होंने कई सफल फिल्में जैसे 'मासूम' और 'मिस्टर इंडिया' बनाई हैं।

मुंबई, 4 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। निर्देशक शेखर कपूर नियमित रूप से सोशल मीडिया के जरिए अपने विचार साझा करते रहते हैं। उन्होंने मंगलवार को एआई के उपयोग पर अपनी सोच व्यक्त की।

निर्देशक ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक नोट साझा किया। उन्होंने लिखा, "आप सभी गलत दिशा में जा रहे हैं। ए-लिस्टर्स ऐसे बिजनेस मॉडल के जरिए शीर्ष पर पहुंचे हैं, जो लगभग बंद होने वाले हैं।"

उन्होंने बताया कि अमेरिका के स्टूडियो इसलिए भी टिके हुए हैं क्योंकि उन्होंने ऐसे बिजनेस मॉडल बनाए हैं, जो इतने महंगे हैं कि उस सेक्टर में प्रवेश करना आसान नहीं है।

उन्होंने आगे एआई फिल्म निर्माण पर जोर देते हुए कहा, "अब एआई फिल्म निर्माण को और भी ज्यादा लोकतांत्रिक बनाएगा, तो फिर पिरामिड के शीर्ष पर बैठे लोग इसका समर्थन क्यों करें?"

उन्होंने अंत में कहा, "ज्यादातर लोग ये नहीं समझते कि एआई बिल्कुल नई तकनीक है। ये कोई वीएफएक्स की तरह कोई ऐड-ऑन नहीं है।"

शेखर कपूर ने अपने करियर में कई शानदार फिल्में दी हैं, जिसके लिए उन्हें पुरस्कार भी मिले हैं। लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि वे फिल्म इंडस्ट्री में आने से पहले लंदन में चार्टर्ड अकाउंटेंट के रूप में काम कर चुके हैं।

उन्होंने मनोरंजन जगत में कदम धारावाहिक 'खानदान' से रखा था, जिसने घर-घर में पहचान दिलवाई थी, लेकिन निर्देशन के रूप में उन्होंने 1983 में फिल्म ‘मासूम’ से शुरुआत की थी। इसके बाद उनकी सुपरहिट फिल्म मिस्टर इंडिया आई, जो आज भी लोगों की पसंद मानी जाती है। उन्होंने विदेशी फिल्में एलिजाबेथ (1998) और एलिजाबेथ: द गोल्डन एज (2007) भी बनाई हैं।

हाल ही में शेखर कपूर ने घोषणा की थी कि वे 'मासूम' का सीक्वल बनाएंगे।

Point of View

एआई एक नई तकनीक है जो फिल्म निर्माण की प्रक्रिया को बदलने की क्षमता रखती है। शेखर कपूर की राय इस पर विचार करने के लिए महत्वपूर्ण है और हमें यह समझने में मदद करती है कि कैसे यह तकनीक उद्योग को प्रभावित कर सकती है।
NationPress
04/11/2025

Frequently Asked Questions

शेखर कपूर ने एआई के बारे में क्या कहा?
शेखर कपूर ने कहा कि एआई नई तकनीक है और इसे वीएफएक्स की तरह नहीं समझना चाहिए।
क्या एआई फिल्म निर्माण में सहायक होगा?
हां, उन्होंने बताया कि एआई फिल्म निर्माण को और अधिक लोकतांत्रिक बनाएगा।