क्या शिल्पा मलिक के नेतृत्व में बायोस्कैन रिसर्च ने 50 से अधिक पुरस्कार प्राप्त किए?
सारांश
Key Takeaways
- बायोस्कैन रिसर्च ने चिकित्सा उपकरणों में नवाचार किया है।
- शिल्पा मलिक का नेतृत्व प्रेरणादायक है।
- उनके उपकरणों की परफॉर्मेंस एक्यूरेसी 95 प्रतिशत है।
- बायोस्कैन रिसर्च को कई अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार मिले हैं।
- महिलाओं के सशक्तिकरण का यह एक उत्कृष्ट उदाहरण है।
गांधीनगर, 24 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। समग्र गुजरात इस समय विश्व का सबसे लंबा नृत्य पर्व नवरात्रि मना रहा है। नवरात्रि का पर्व नारीशक्ति के उत्सव तथा महिलाओं की सक्षमता को उजागर करने का पर्व है। महिलाएं आज सभी क्षेत्रों में प्रगति कर रही हैं, चाहे वह शिक्षा क्षेत्र हो, खेल-कूद हो या उद्योग जगत।
जब समग्र विश्व में महिलाओं की उद्यमिता की संख्या लगातार बढ़ रही है और महिलाएं नेतृत्व में सफल औद्योगिक इकाइयां तथा स्टार्टअप्स को संचालित कर रही हैं, तब गुजरात भी इससे अछूता नहीं है। गुजरात की एक ऐसी महिला उद्यमी हैं शिल्पा मलिक और उनका स्टार्टअप ‘बायोस्कैन रिसर्च’, जो जानलेवा रोगों का प्रारंभिक निदान करने वाले चिकित्सा उपकरण बनाकर कई लोगों का जीवन बचा रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमेशा महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण को प्राथमिकता दी है। अपने कार्यकाल के दौरान मोदी ने मिशन मंगलम योजना, वुमन स्पेशल इकोनॉमिक जोन, विशेष महिला औद्योगिक पार्क आदि की स्थापना की। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल भी इन योजनाओं को आगे बढ़ा रहे हैं।
बायोस्कैन रिसर्च प्राइवेट लिमिटेड की स्थापना सितंबर-2017 में शिल्पा मलिक और अनुपम लवाणिया द्वारा की गई थी। शिल्पा मलिक बायोस्कैन रिसर्च की को-फाउंडर और चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर हैं। वे हार्डवेयर इनोवेशन में एक दशक का अनुभव रखती हैं।
शिल्पा मलिक के नेतृत्व में बायोस्कैन रिसर्च ट्रॉमेटिक ब्रेन इंजरी जैसे जानलेवा रोगों का प्रारंभिक निदान करने के लिए चिकित्सा उपकरण विकसित करती है। इसके लिए वे ऑप्टिक्स, इलेक्ट्रॉनिक्स, मैकेनिक्स तथा सॉफ्टवेयर का उपयोग करती हैं।
बायोस्कैन रिसर्च को कई प्रतिष्ठित संस्थाओं से वित्तीय सहयोग प्राप्त हुआ है, जिनमें आईआईटी-कानपुर और आईसीएमआर शामिल हैं।
शिल्पा मलिक की यात्रा में उनके परिवार के सदस्य को ब्रेन इंजरी होने के अनुभव ने उन्हें इस दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने क्लिनिकल रिसर्च के लिए 3 वर्ष लगाकर अपने उपकरण को विभिन्न अस्पतालों में परीक्षण किया।
अब तक बायोस्कैन रिसर्च ने भारत में 70 यूनिट्स की बिक्री की है और इस डिवाइस की परफॉर्मेंस एक्यूरेसी 95 प्रतिशत है।
शिल्पा मलिक के सफल नेतृत्व में बायोस्कैन रिसर्च को कई पुरस्कार मिले हैं, जिनमें आईसीएमआर द्वारा बेस्ट एक्स्ट्राम्यूरल रिसर्च अवॉर्ड (2024) और अन्य अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार शामिल हैं।