क्या रवि किशन और तेज प्रताप की मुलाकात सामान्य थी? राजद ने फैलाई अफवाह: प्रतुल शाहदेव

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क्या रवि किशन और तेज प्रताप की मुलाकात सामान्य थी? राजद ने फैलाई अफवाह: प्रतुल शाहदेव

सारांश

तेज प्रताप यादव और रवि किशन की मुलाकात से राजनीतिक हलचल। क्या यह एनडीए के समर्थन का संकेत है? भाजपा प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने इसे सामान्य बातचीत बताया, जबकि राजद पर आरोप लगाया कि वह बेबुनियाद अफवाहें फैला रहा है। जानिए इस मुलाकात का असली मतलब क्या है।

Key Takeaways

  • तेज प्रताप यादव और रवि किशन की मुलाकात राजनीतिक चर्चा का विषय बनी है।
  • इस मुलाकात को भाजपा प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने सामान्य बताया।
  • राजद पर बेबुनियाद अफवाहें फैलाने का आरोप लगाया गया है।
  • तेज प्रताप का ध्यान बिहार से पलायन रोकने पर है।
  • एनडीए चुनाव में सफलता की उम्मीद कर रहा है।

रांची, 9 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। जनशक्ति जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेज प्रताप यादव और भाजपा सांसद रवि किशन के बीच हुई मुलाकात ने राजनीति में हलचल मचा दी है। इस मुलाकात को लेकर अटकलें हो रही हैं कि वह एनडीए का समर्थन कर सकते हैं। इस पर भाजपा प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह केवल एक सामान्य बातचीत थी और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) पर बेबुनियाद अफवाहें फैलाने का आरोप लगाया।

शाहदेव ने राष्ट्र प्रेस से बात करते हुए कहा, "यह मुलाकात सामान्य थी। चुनाव प्रचार के दौरान नेता अक्सर हवाई अड्डों, नुक्कड़ सभाओं या सार्वजनिक स्थानों पर मिलते हैं। अचानक मुलाकातों से निष्कर्ष निकालना अजीब है। केंद्रीय और राज्य के नेताओं के बीच मुलाकातें अक्सर होती हैं, इसलिए इन्हें अधिक महत्व नहीं दिया जाना चाहिए।"

उन्होंने कहा कि राजद जानबूझकर यह अफवाह फैला रहा है क्योंकि उन्हें पता है कि इस चुनाव में उनकी स्थिति कमजोर है। अब उनके पास कोई विकल्प नहीं रह गया है।

प्रतुल शाहदेव ने तेज प्रताप के राजनीतिक रुख पर टिप्पणी करते हुए कहा, "तेज प्रताप यादव ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है। वह अपनी स्वतंत्र पार्टी चलाते हैं, जिसके वे राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं और उनका अपना एजेंडा है। उनका ध्यान बिहार से पलायन रोकने पर है, जो हमारी पार्टी के विजन के अनुरूप है।" उन्होंने कहा कि राजद के शासनकाल में लगभग एक करोड़ लोग बिहार छोड़कर चले गए थे, लेकिन पिछले दो दशकों में पलायन में कमी आई है। अगर हमारी सरकार वापस आती है, तो हम सुनिश्चित करेंगे कि किसी बिहारी को आजीविका के लिए राज्य छोड़ने की जरूरत न पड़े।

उन्होंने कहा, "हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार चुनाव लड़ रहे हैं। मोदी, अमित शाह, जेपी नड्डा और नीतीश कुमार की रैलियों में उमड़ी भीड़ जनता के मनोभाव को स्पष्ट रूप से दर्शाती है। पहले चरण के मतदान के बाद, हमारा मानना है कि एनडीए 80 से 90 सीटें जीतेगा और दूसरे चरण के बाद, हमारी सीटें 160 को पार कर जाएंगी। इस बार, एनडीए दो-तिहाई बहुमत की ओर बढ़ रहा है।

Point of View

बल्कि बिहार की राजनीति के लिए भी महत्वपूर्ण है। कई बार ऐसे असामान्य मुलाकातें राजनीतिक समीकरणों को बदल देती हैं। हालांकि, हमें ध्यान रखना चाहिए कि अटकलें लगाने के बजाय हमें तथ्यों पर आधारित दृष्टिकोण अपनाना चाहिए।
NationPress
08/11/2025

Frequently Asked Questions

रवि किशन और तेज प्रताप के बीच मुलाकात का क्या महत्व है?
यह मुलाकात राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण मानी जा रही है, क्योंकि इससे एनडीए के समर्थन को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं।
प्रतुल शाहदेव ने मुलाकात को कैसे बताया?
प्रतुल शाहदेव ने इसे एक सामान्य बातचीत बताया और राजद पर अफवाहें फैलाने का आरोप लगाया।