क्या शिवराज सिंह चौहान ने परिवार संग भोपाल में गणेश विसर्जन किया?

सारांश
Key Takeaways
- गणेश विसर्जन का आयोजन देशभर में धूमधाम से किया गया।
- शिवराज सिंह चौहान ने स्वदेशी अपनाने की अपील की।
- दिल्ली में अस्थायी तालाब बनाए गए हैं।
- भक्तों ने बाढ़ की स्थिति पर चिंता जताई।
- गणेश जी के प्रति श्रद्धा और विश्वास बनाए रखा गया।
नई दिल्ली, 6 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। देशभर में गणेश उत्सव का आज अंतिम दिन है। आज धूमधाम से अनंत चतुर्दशी पर भगवान गणेश की मूर्ति का विसर्जन किया जा रहा है।
केंद्रीय कृषि मंत्री और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को भोपाल में अपने परिवार के साथ गणेश जी का विसर्जन किया।
उन्होंने कहा कि गणपति जी का आशीर्वाद हमेशा लोगों के साथ रहता है। इस अवसर पर उन्होंने देश के नागरिकों से स्वदेशी अपनाने की अपील भी की। शिवराज सिंह चौहान ने देश के कई हिस्सों में बाढ़ की स्थिति पर भी चिंता व्यक्त की।
उन्होंने भगवान गणेश से प्रार्थना की कि जिन क्षेत्रों में बाढ़ आई है, वहां लोगों को जल्द राहत मिले और उन पर भगवान की कृपा बनी रहे। वहीं, गणेश विसर्जन के दौरान शहर में पुलिस बल भी पूरी तरह मुस्तैद नज़र आया।
इधर, राष्ट्रीय राजधानी में भी दिल्लीवासी गणेश जी की मूर्ति का विसर्जन कर रहे हैं। दिल्ली सरकार ने यमुना में बाढ़ को देखते हुए कॉलोनियों में अस्थायी तालाब बनाया है जिससे लोग आसानी से मूर्ति विसर्जित कर सकें।
गीता कॉलोनी में भी गणेश विसर्जन के लिए सरकार द्वारा तीन अस्थायी तालाब बनाए गए थे। इन तालाबों में ही लोग अपनी गणेश मूर्तियों का विसर्जन कर रहे थे।
विसर्जन के लिए आए भक्तों ने कहा कि जब बप्पा घर आए थे तो खुशी थी, लेकिन अब उनके जाने का ग़म है। हालांकि, सभी ने अगले साल उनके फिर से आने की उम्मीद जताई।
कुछ भक्तों ने यमुना नदी में आई बाढ़ और अस्थायी तालाबों में विसर्जन को लेकर थोड़ी मायूसी भी ज़ाहिर की। उनका कहना था कि यमुना नदी में विसर्जन करना ज़्यादा अच्छा होता, लेकिन मौजूदा हालात को देखते हुए वे अस्थायी तालाबों में ही विसर्जन कर रहे हैं।
वहीं कई भक्तों ने अस्थायी तालाब में मूर्ति विसर्जन करने को सही बताते हुए दिल्ली सरकार का समर्थन किया। लोगों ने कहा कि बाढ़ को देखते हुए दिल्ली सरकार ने अच्छा फैसला लिया है, इससे लोग सुरक्षित रहकर मूर्ति विसर्जन कर सकते हैं। यमुना में बाढ़ आने से लगातार खतरा बढ़ता जा रहा है।