क्या शिवराज सिंह चौहान ने मैहर में किसानों को स्वदेशी अपनाने का संदेश दिया?

सारांश
Key Takeaways
- स्वदेशी बीजों का महत्व
- किसानों को सशक्त करना
- खाद की कमी के समाधान की योजना
- आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ना
- विकास की नई योजनाएँ
मैहर, 11 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान गुरुवार को मध्य प्रदेश के मैहर पहुंचे, जहाँ उन्होंने किसानों को स्वदेशी अपनाने का महत्वपूर्ण संदेश दिया।
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मैहर में गर्भरा कृषि बीज भंडार का निरीक्षण किया और किसानों की स्थिति का बारीकी से जायजा लिया। निरीक्षण के दौरान मंत्री ने कहा, "किसान को मजबूत बनाना ही हमारी प्राथमिकता है।"
कार्यक्रम के दौरान शिवराज सिंह चौहान ने उपस्थित लोगों को स्वदेशी अपनाने की शपथ भी दिलाई और देश की कृषि व्यवस्था को आत्मनिर्भर बनाने की बात कही। उन्होंने कहा, "स्वदेशी बीजों और तकनीकों के जरिए हम खेती को नई ऊंचाइयों तक ले जा सकते हैं।"
उन्होंने आगे कहा, "खाद की कमी को लेकर सरकार पूरी तरह सजग है और जल्द ही इसका समाधान सुनिश्चित किया जाएगा।" कार्यक्रम के अंत में मंत्री ने मैहर की जनता को विकास की नई योजनाओं का भरोसा भी दिलाया।
इसके बाद उन्होंने मां शारदा देवी के दर्शन किए और मां के दरबार में प्रदेश की खुशहाली की प्रार्थना की। दर्शन के बाद शिवराज सिंह चौहान ने पत्रकारों से रूबरू होते हुए मैहर के समग्र विकास, लोक निर्माण और खाद की किल्लत जैसे अहम मुद्दों पर भी चर्चा की।
इससे पहले शिवराज सिंह सतना पहुंचे, जहाँ उन्होंने वन नेशन-वन इलेक्शन पर अपनी बात रखी। उन्होंने लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने की वकालत की। मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि बार-बार होने वाले चुनावों से देश के विकास में सबसे बड़ी बाधा है। चुनावों के कारण आचार संहिता लगती है, विकास कार्य ठप हो जाते हैं, अनावश्यक पैसे खर्च होते हैं और पर्यावरण भी प्रदूषित होता है। देश के विकास के लिए दूरगामी निर्णय नहीं हो पाते। चुनाव जीतने के लिए कई बार ऐसी घोषणाएं की जाती हैं जो कि व्यावहारिक नहीं होती हैं।