क्या शुभांशु शुक्ला की अंतरिक्ष से सुरक्षित वापसी ने देश में खुशी की लहर पैदा की?

सारांश
Key Takeaways
- शुभांशु शुक्ला की सुरक्षित वापसी पर देशभर में खुशी का माहौल है।
- यह यात्रा भारतीय विज्ञान के लिए एक महत्वपूर्ण घटना है।
- युवाओं को विज्ञान में रुचि लेने के लिए प्रेरित किया जाएगा।
- यह उपलब्धि भारत की प्रगति का प्रतीक है।
- अंतरिक्ष यात्रा हमेशा जोखिम भरी होती है, लेकिन यह सुरक्षित रही।
लखनऊ, १५ जुलाई (राष्ट्रीय प्रेस)। ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने एक्सिओम मिशन 4 के अंतर्गत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) की अपनी १८ दिन की ऐतिहासिक यात्रा समाप्त कर पृथ्वी पर सुरक्षित वापसी की है। उनके इस अद्वितीय कार्य के लिए देशभर के लोगों ने खुशी
समाचार एजेंसी राष्ट्रीय प्रेस से बातचीत में कई व्यक्तियों ने शुभांशु की वापसी को गौरव
देवेंद्र शर्मा ने कहा, "शुभांशु शुक्ला की सुरक्षित वापसी अत्यंत खुशी की बात है। भारतीय वायुसेना के इस कुशल अधिकारी ने १८ दिन अंतरिक्ष में बिताकर देश का नाम रोशन किया है। यह भारतीय विज्ञान और युवाओं के लिए एक स्वर्णिम दिन है। उनकी वापसी से हर कोई गर्व महसूस कर रहा है।"
उन्होंने कल्पना चावला के हादसे का जिक्र करते हुए कहा कि अंतरिक्ष यात्रा जोखिम भरी होती है, लेकिन शुभांशु की सुरक्षित वापसी भगवान
एडवोकेट संदीप कौशिक ने उत्साह व्यक्त करते हुए कहा, "शुभांशु की वापसी देश के लिए गर्व का पल है। इसे त्योहार की तरह मनाना चाहिए। उनकी उपलब्धि से बच्चों को प्रेरणा मिलेगी और वे विज्ञान में रुचि लेंगे। पूरा देश उनकी सुरक्षित वापसी के लिए प्रार्थना कर रहा था। हम हनुमान मंदिर जाकर प्रसाद बांटेंगे।"
एडवोकेट शिल्पा ने कहा, "शुभांशु ने शानदार कार्य किया है। यह उपलब्धि युवाओं को अंतरिक्ष विज्ञान में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेगी।"
वहीं, गौरव मनचंदा ने इसे भावी पीढ़ियों के लिए लाभकारी बताते हुए कहा, "शुभांशु की वापसी गर्व की बात है। यह दिखाता है कि भारत किसी से कम नहीं है। इससे बच्चों की विज्ञान में रुचि बढ़ेगी और देश का नाम और ऊंचा होगा।"
एडवोकेट गीता गुप्ता ने खुशी जताते हुए कहा, "शुभांशु की सुरक्षित वापसी से हमें बहुत खुशी है। हमारा देश इसी तरह तरक्की करता रहे।"
एडवोकेट विनोद अहलावत ने भी बधाई देते हुए कहा, "१८ दिन अंतरिक्ष में रहकर शुभांशु का सुरक्षित लौटना देश के लिए गौरव का विषय है। उनके प्रयोगों ने साबित किया कि भारत विज्ञान के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है।"