क्या सिद्धवीर खेड़ापति हनुमान मंदिर में पैर रखते ही हो जाता है भविष्य की घटनाओं का पूर्वाभास?
सारांश
Key Takeaways
- सिद्धवीर खेड़ापति हनुमान मंदिर में भक्तों को पूर्वाभास का अनुभव होता है।
- यह मंदिर 600 साल से पुराना है।
- यहाँ भगवान हनुमान और गणेश की एक ही प्रतिमा है।
- मंदिर में विशेष पूजा मंगलवार और शनिवार को होती है।
- भक्त दूर-दूर से इस मंदिर में दर्शन के लिए आते हैं।
नई दिल्ली, २४ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। कभी-कभी हमें भविष्य में घटने वाली घटनाओं के संकेत पहले से ही मिल जाते हैं। ये घटनाएं अच्छी और बुरी दोनों प्रकार की हो सकती हैं। सपनों और पूर्वाभास के माध्यम से ऐसा अनुभव अक्सर होता है। इस संदर्भ में, एक ऐसा मंदिर भी है जहाँ भगवान हनुमान ने इसी प्रकार के पूर्वाभास दिए हैं।
यह मंदिर मध्य प्रदेश के एक स्थान पर स्थित है, जहाँ भगवान हनुमान भविष्य में होने वाली घटनाओं का संकेत देते हैं। यह चमत्कार सिद्धवीर खेड़ापति हनुमान मंदिर में होता है, जहाँ भक्त दूर-दूर से बालाजी महाराज के दर्शन के लिए आते हैं।
मध्य प्रदेश के रतलाम-भोपाल रेलवे ट्रैक के पास, शाजापुर के बोलाई गाँव में, चमत्कारी हनुमान जी विराजमान हैं। यह मंदिर ६०० साल से भी पुराना माना जाता है और यहाँ भगवान हनुमान भविष्य में घटने वाली घटनाओं का संकेत देते हैं। इस मंदिर के बारे में एक प्रसिद्ध किंवदंती भी है। कहा जाता है कि यहाँ दो रेलवे ट्रैक हैं, जहाँ वर्षों पहले दो मालगाड़ियाँ आपस में टकरा गई थीं।
हादसे के बाद, मालगाड़ी के ड्राइवर ने बताया था कि उन्हें हादसे से पहले ही महसूस हो गया था कि कुछ बुरा होने वाला है। उन्होंने मन ही मन सोचा कि स्पीड कम कर दी जाए, लेकिन उन्होंने पूर्वाभास को नजरअंदाज करते हुए स्पीड बनाए रखी और आगे जाकर हादसा हो गया।
भक्तों का मानना है कि जब भी कोई घटना होने वाली होती है, तो मंदिर में विराजमान हनुमान किसी न किसी प्रकार से संकेत देते हैं। भक्त यहाँ अपने साथ होने वाली घटनाओं के बारे में जानने के लिए भी आते हैं। भक्तों का कहना है कि मंदिर में आते ही उन्हें पूर्वाभास जैसे अनुभव होने लगते हैं, और कई बार ऐसा लगता है कि कुछ तो होने वाला है।
सिद्धवीर खेड़ापति हनुमान मंदिर ६०० साल से भी पुराना है। यहाँ भगवान हनुमान के साथ-साथ भगवान गणेश भी विराजमान हैं। इसलिए यह मंदिर और भी खास है, जहाँ दोनों भगवान एक ही प्रतिमा में समाहित हैं। यही कारण है कि खेड़ापति हनुमान मंदिर की मान्यता बहुत अधिक है। यह देश का पहला ऐसा मंदिर है, जहाँ हनुमान जी और गणेश जी दोनों एक साथ विराजमान हैं।
मंदिर में मंगलवार और शनिवार को विशेष पूजा का आयोजन होता है। इन दिनों रामायण का अखंड पाठ भगवान के सामने किया जाता है, और भक्त राम भक्ति में डूबे नजर आते हैं। दूर-दूर से भक्त इस मंदिर में दर्शन के लिए आते हैं। मंदिर में हनुमान जी की प्रतिमा को अलग-अलग रूपों में सजाया जाता है। कभी वे शिव अवतार तो कभी गणेश अवतार में दर्शन देते हैं।