क्या सिक्किम में 59वां नाथूला विजय दिवस मनाया गया?

सारांश
Key Takeaways
- 59वां नाथुला विजय दिवस मनाना एक महत्वपूर्ण अवसर है।
- इस दिन भारतीय सेना के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है।
- राज्यपाल ने सगत सिंह की भूमिका की सराहना की।
- एक प्रतीकात्मक बाइक रैली का आयोजन भी किया गया।
- यह समारोह भारतीय सैन्य इतिहास का स्वर्णिम अध्याय है।
गंगटोक, 11 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। सिक्किम में आज 59वां नाथुला विजय दिवस धूमधाम से मनाया गया, जो 1967 के भारत-चीन युद्ध के दौरान स्वर्गीय मेजर जनरल सगत सिंह के नेतृत्व में भारतीय सशस्त्र बलों के अदम्य साहस और बलिदान को समर्पित है।
इस विशेष कार्यक्रम में राज्यपाल ओम प्रकाश माथुर और मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग के साथ-साथ उच्च स्तर के सैन्य अधिकारी, गणमान्य व्यक्ति और युद्ध नायकों के परिवार के सदस्य भी शामिल हुए।
कार्यक्रम की शुरुआत शेरथांग युद्ध स्मारक पर शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के साथ हुई, जहाँ राज्यपाल ने शहीदों की स्मृति में पुष्पांजलि अर्पित की और अमर ज्योति प्रज्वलित की। इसके पश्चात उन्होंने लेफ्टिनेंट जनरल सगत सिंह की प्रतिमा का अनावरण किया, जिन्होंने 1967 में नाथुला और चोला क्षेत्र में भारतीय सेना को विजय दिलाई।
राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने शहीद सैनिकों को भावभीनी श्रद्धांजलि दी और मेजर जनरल सगत सिंह की अद्वितीय भूमिका की सराहना की, जिनकी कमान में भारतीय सेना ने चीनी आक्रमण को सफलतापूर्वक विफल किया।
अपने संबोधन में, राज्यपाल ओम प्रकाश माथुर ने इस समारोह को भारत के सैन्य इतिहास का एक स्वर्णिम अध्याय बताते हुए सगत सिंह के साहस को प्रेरणा का स्रोत बताया।
इस आयोजन में सगत सिंह के परिवार के सदस्य, वरिष्ठ सैन्य अधिकारी और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे। भारतीय सेना ने उनके परिवार के सदस्यों को सम्मानित भी किया।
इस उत्सव के अंतर्गत, भारतीय सेना की गंगटोक स्थित 17वीं माउंटेन डिवीजन ने महिलाओं सहित 60 बाइकर्स की एक प्रतीकात्मक बाइक रैली का आयोजन किया। यह रैली नाथुला दर्रे, डोकला दर्रे और चोला दर्रे से होकर गुजरी, जिससे इन सीमा चौकियों के सामरिक महत्व और भारतीय सेना के बलिदान की याद दिलाई गई।