क्या राहुल गांधी जानबूझकर एसआईआर को लेकर शोर मचा रहे हैं?
सारांश
Key Takeaways
- एसआईआर ने बिहार में सफलता पाई है।
- राहुल गांधी के आरोपों पर जेडीयू का जवाब है कि यह बेबुनियाद है।
- राजनीति में जनता की राय महत्वपूर्ण होती है।
- विपक्ष के मुद्दे कमजोर हो रहे हैं।
पटना, 24 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। विशेष गहन पुनरीक्षण यानी एसआईआर को लेकर राजनीति में हलचल थमने का नाम नहीं ले रही है। जेडीयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि राहुल गांधी और विपक्ष के नेता जानबूझकर शोर मचा रहे हैं।
राजीव रंजन प्रसाद ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बात करते हुए कहा, "एसआईआर के संदर्भ में कोई समस्या नहीं है। बिहार में यह पूरी तरह से सफल साबित हुआ है। बिहार की जनता ने एसआईआर और एनडीए पर विश्वास जताया है। इसका परिणाम सभी ने बिहार विधानसभा चुनाव में देखा है।"
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए राजीव रंजन ने कहा कि एसआईआर के बारे में राहुल गांधी बेवजह बढ़ा-चढ़ाकर बता रहे हैं क्योंकि उनके पास और कुछ नहीं है। कांग्रेस पार्टी में नेता और कार्यकर्ता दोनों असहज हो गए हैं और इनके पास कोई अन्य मुद्दा नहीं बचा है, जिससे वह जनता को गुमराह कर सकें।
उन्होंने कहा कि आगे चलकर विपक्ष की समस्या और अधिक बढ़ने वाली है क्योंकि जनता को सच्चाई का पता चल चुका है और वह इन लोगों को नकारने लगी है। इसलिए ये लोग और भी परेशान हो गए हैं।
चुनाव आयोग देश में दूसरे चरण का विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण (एसआईआर) करा रहा है। दूसरे चरण में देश के 12 राज्यों को एसआईआर के तहत कवर किया गया है। दूसरे चरण के अंतर्गत पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, राजस्थान, पुडुचेरी, मध्य प्रदेश, लक्षद्वीप, केरल, गुजरात, गोवा और छत्तीसगढ़ के अलावा अंडमान और निकोबार में एसआईआर प्रस्तावित है।
जेडीयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने कहा, "कई देशों में बंटवारे समाप्त हो गए हैं, जैसे बर्लिन की दीवार गिरने से पूर्व और पश्चिमी जर्मनी एक हो गए। इसी तरह, सिंध हमारा हिस्सा था। पाकिस्तान की हरकत की वजह से पीओके और बलूचिस्तान जैसे क्षेत्रों में लोग पाकिस्तान सरकार से नाखुश हैं, अगर पाकिस्तान अपनी दुश्मनी भरी हरकतें जारी रखता है, तो वे भारत के साथ फिर से एक होने की मांग कर सकते हैं। आने वाला समय अच्छा हो सकता है।