क्या प्रधानमंत्री मोदी की सिरो-मालाबार चर्च के नेताओं के साथ अद्भुत बातचीत हुई?

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क्या प्रधानमंत्री मोदी की सिरो-मालाबार चर्च के नेताओं के साथ अद्भुत बातचीत हुई?

सारांश

प्रधानमंत्री मोदी ने सिरो-मालाबार चर्च के प्रमुखों के साथ एक महत्वपूर्ण मुलाकात की, जिसमें ईसाई अल्पसंख्यकों के कल्याण पर गहन चर्चा हुई। यह बातचीत भाजपा के समावेशी दृष्टिकोण को दर्शाती है, जिससे समुदायों के विकास की दिशा में सकारात्मक संकेत मिलता है।

Key Takeaways

  • प्रधानमंत्री मोदी की मुलाकात ने सामाजिक सौहार्द को बढ़ावा दिया।
  • सिरो-मालाबार चर्च का महत्वपूर्ण योगदान है।
  • बैठक में ईसाई अल्पसंख्यकों के कल्याण पर ध्यान केंद्रित किया गया।
  • भाजपा का दृष्टिकोण समावेशिता है।
  • प्रतिनिधिमंडल ने निरंतर सहयोग की आशा व्यक्त की।

नई दिल्ली, 4 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को सिरो-मालाबार चर्च के प्रमुख मेजर आर्कबिशप मार राफेल थाटिल, आर्कबिशप डॉ. कुरियाकोस भरानिकुलंगरा और अन्य वरिष्ठ चर्च नेताओं के साथ अपनी अद्भुत बातचीत का उल्लेख किया।

प्रधानमंत्री ने प्रतिनिधिमंडल के साथ मुलाकात के दौरान कहा कि मैं हमेशा आपकी सेवा में तत्पर हूं। उन्होंने इस मुलाकात को सौहार्दपूर्ण और रचनात्मक बताया।

बैठक के बाद, प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर साझा किया कि सायरो-मालाबार चर्च के प्रमुख आर्कबिशप राफेल थाटिल, आर्कबिशप डॉ. कुरियाकोस भरानिकुलंगरा और अन्य के साथ बहुत अच्छी बातचीत हुई।

इस बैठक में भाजपा की केरल इकाई के अध्यक्ष राजीव चंद्रशेखर भी मौजूद थे।

मेजर आर्कबिशप थाटिल के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल में फरीदाबाद आर्चडायोसिस के आर्कबिशप भरानिकुलंगरा और सिरो-मालाबार चर्च का प्रतिनिधित्व करने वाले अन्य बिशप शामिल थे। सिरो-मालाबार चर्च केरल के तीन चर्चों में सबसे प्रभावशाली है जो पोप के प्रति निष्ठा रखते हैं।

इस दौरान चर्चा का मुख्य विषय ईसाई अल्पसंख्यकों के कल्याण और भारत के सामाजिक एवं विकासात्मक ढांचे में उनकी भूमिका था।

केरल भाजपा के नेता राजीव चंद्रशेखर ने संवाददाताओं को बताया कि यह मुलाकात एक शिष्टाचार भेंट थी, जिसमें बिशपों ने अल्पसंख्यकों के अधिकारों और सामुदायिक विकास से संबंधित व्यापक चिंताओं को उठाया।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने ध्यानपूर्वक उनकी बात सुनी और प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि सरकार सभी मुद्दों पर बातचीत के लिए तैयार है।

उन्होंने आगे कहा कि भाजपा का दृष्टिकोण समावेशिता और धार्मिक सीमाओं से परे शासन का है।

प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि हम चीजों को धार्मिक चश्मे से नहीं देखते। हमारी पार्टी सभी लोगों की सेवा करती है और कानून का शासन हमेशा कायम रहेगा। भाजपा सेवा की पार्टी है और रहेगी।

बिशपों ने प्रधानमंत्री से पोप को भारत आमंत्रित करने का अनुरोध भी किया।

सूत्रों ने कहा कि प्रतिनिधिमंडल ने प्रधानमंत्री मोदी के आश्वासन की सराहना की और शिक्षा, सामाजिक कल्याण और सामुदायिक सहभागिता जैसे क्षेत्रों में निरंतर सहयोग की आशा व्यक्त की।

Point of View

जिसमें सभी समुदायों के अधिकारों और कल्याण के प्रति संवेदनशीलता दिखाई देती है। ऐसे संवादों से न केवल सामाजिक सौहार्द बढ़ता है, बल्कि विकास की दिशा में भी सकारात्मक कदम उठाए जाते हैं।
NationPress
04/11/2025

Frequently Asked Questions

सिरो-मालाबार चर्च क्या है?
सिरो-मालाबार चर्च भारत के एक प्रमुख ईसाई समुदाय का हिस्सा है, जो पोप के प्रति निष्ठा रखता है।
प्रधानमंत्री मोदी ने किस विषय पर चर्चा की?
प्रधानमंत्री ने ईसाई अल्पसंख्यकों के कल्याण और उनकी सामाजिक भूमिका पर चर्चा की।
क्या इस मुलाकात का कोई परिणाम होगा?
इस मुलाकात से अल्पसंख्यकों के अधिकारों के संरक्षण और विकास में सहायता की उम्मीद है।
राजीव चंद्रशेखर का इस मुलाकात में क्या योगदान था?
राजीव चंद्रशेखर ने इस मुलाकात को शिष्टाचार भेंट बताया और अल्पसंख्यकों की चिंताओं को उठाया।
क्या बिशपों ने कोई विशेष अनुरोध किया?
हां, बिशपों ने प्रधानमंत्री से पोप को भारत आमंत्रित करने का अनुरोध किया।