क्या वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लीविंग रूट ब्रिज का दौरा कर सस्टेनेबल फ्यूचर को बढ़ावा दिया?

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क्या वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लीविंग रूट ब्रिज का दौरा कर सस्टेनेबल फ्यूचर को बढ़ावा दिया?

सारांश

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मेघालय के लीविंग रूट ब्रिज का दौरा किया, जो प्रकृति के साथ सामंजस्य और स्थायी गतिशीलता को दर्शाता है। उन्होंने पारंपरिक ज्ञान के महत्व और स्वदेशी प्रथाओं को संरक्षित करने की आवश्यकता पर जोर दिया।

Key Takeaways

  • लीविंग रूट ब्रिज पारंपरिक ज्ञान का अद्वितीय उदाहरण हैं।
  • स्थायी गतिशीलता का विकास आवश्यक है।
  • स्वदेशी प्रथाओं का संरक्षण महत्वपूर्ण है।
  • सोहबर
  • प्रकृति

नई दिल्ली, 13 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मेघालय के ईस्ट खासी हिल्स जिले के सीज गांव में स्थित लीविंग रूट ब्रिज का दौरा करते हुए कहा कि यहाँ के निवासियों ने सौ से अधिक वर्षों से एक ऐसी संस्कृति का पालन किया है जो प्रकृति का सम्मान करती है और स्थायी गतिशीलता को बढ़ावा देती है। यहाँ जीवित वृक्षों को क्षति पहुँचाए बिना नदियों को पार करने के उपायों को भी खोजा गया है।

केंद्रीय मंत्री ने इस अवसर पर गांव के बुजुर्गों, स्थानीय नेताओं और विश्व बैंक, केएफडब्ल्यू तथा एडीबी द्वारा समर्थित पेमेंट फॉर इकोसिस्टम सर्विसेज प्रोग्राम के लाभार्थियों से संवाद किया।

यह पहल स्वदेशी समुदायों द्वारा अपनाई जाने वाली सदियों पुरानी पारिस्थितिक प्रथाओं के संरक्षण में मदद करती है।

प्रकृति के साथ समुदाय के गहरे संबंध की सराहना करते हुए, वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि मेघालय के लीविंग रूट ब्रिज इस बात का अद्वितीय उदाहरण प्रस्तुत करते हैं कि कैसे पारंपरिक ज्ञान वैश्विक समाधान प्रदान कर सकता है।

उन्होंने कहा, "ऐसे समय में जब विश्व सस्टेनेबल सॉल्यूशंस की तलाश कर रहा है, सीज के लोगों ने दिखाया है कि सरल, प्रकृति-समन्वयित प्रथाओं के माध्यम से क्या संभव है।"

उन्होंने यह भी बताया कि कैसे जीवित रूट्स से बने पुल आसपास के वातावरण को नुकसान पहुँचाए बिना अस्तित्व और विकास को दर्शाते हैं।

केंद्रीय मंत्री ने इस विरासत के दस्तावेजीकरण और जड़ पुलों के लिए यूनेस्को से मान्यता प्राप्त करने के लिए समुदाय के प्रयासों की सराहना की।

वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा, "मान्यता दिखावे के लिए नहीं, बल्कि दुनिया को यह दिखाने के लिए है कि आपने इसे पहले किया था।"

उन्होंने यह भी कहा, "आपके कार्य न केवल प्रभावी हैं, बल्कि उन्हें दोहराया भी जा सकता है। वैश्विक मान्यता दूसरों को प्रेरित करने में मदद करेगी।"

वित्त मंत्री ने गांव के बुजुर्गों की भी प्रशंसा की, खासकर उन लोगों की, जिन्होंने दशकों से पुलों की देखभाल की है।

वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि पर्यावरण के साथ समुदाय का सामंजस्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्थायी जीवन शैली के दृष्टिकोण को दर्शाता है।

उन्होंने कहा, "मेघालय के लिविंग रूट्स ब्रिज इस बात का जीवंत प्रमाण हैं कि हमारे स्वदेशी लोग पहले से ही इस दृष्टिकोण को साकार कर रहे हैं।"

अतिरिक्त रूप से, वित्त मंत्री ने वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम (वीवीपी) के तहत ईस्ट खासी हिल्स के एक मनोरम सीमावर्ती गांव सोहबर का भी दौरा किया।

उन्होंने जोर देकर कहा कि सोहबर जैसे सीमावर्ती गांव भारत का अंत नहीं, बल्कि शुरुआत हैं।

उन्होंने कहा, "ये हमारे देश की आंखें और कान हैं, और इन्हें प्राथमिकता के साथ विकास मिलना चाहिए।"

सीतारमण ने आगे कहा कि वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम का दूसरा चरण अब मेघालय सहित पूर्वी सीमावर्ती क्षेत्रों तक पहुंच रहा है।

सोहबर में उन्होंने विकास पर केंद्रित चार प्रमुख क्षेत्रों की घोषणा की, जिसमें बेहतर सड़कें, डिजिटल और दूरसंचार कनेक्टिविटी, टीवी कवरेज और बिजली की पहुंच शामिल हैं।

Point of View

बल्कि यह वैश्विक स्तर पर भी प्रेरणा का स्रोत बन सकती है।
NationPress
09/09/2025

Frequently Asked Questions

लीविंग रूट ब्रिज क्या है?
लीविंग रूट ब्रिज प्राकृतिक वृक्षों से बने पुल हैं जो स्थानीय लोगों द्वारा सदियों से उपयोग किए जा रहे हैं।
यहाँ के लोग किस प्रकार की संस्कृति का पालन करते हैं?
यहाँ के लोग एक ऐसी संस्कृति का पालन करते हैं जो प्रकृति का सम्मान करती है और स्थायी गतिशीलता को बढ़ावा देती है।
वित्त मंत्री ने किस कार्यक्रम का समर्थन किया?
वित्त मंत्री ने पेमेंट फॉर इकोसिस्टम सर्विसेज प्रोग्राम का समर्थन किया।
क्या यह पहल स्वदेशी प्रथाओं को संरक्षित करने में मदद करती है?
हाँ, यह पहल स्वदेशी समुदायों की पारिस्थितिक प्रथाओं के संरक्षण में मदद करती है।
सोहबर गाँव का क्या महत्व है?
सोहबर गाँव सीमावर्ती क्षेत्र में स्थित है और इसे प्राथमिकता के साथ विकास मिलना चाहिए।