क्या लद्दाख के सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की नजरबंदी पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टली?

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क्या लद्दाख के सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की नजरबंदी पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टली?

सारांश

सुप्रीम कोर्ट में लद्दाख के सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की नजरबंदी के मामले में सुनवाई टल गई है। वांगचुक की पत्नी ने उनकी नजरबंदी को अवैध बताते हुए रिहाई की मांग की है। यह मामला अब 8 दिसंबर को फिर से सुना जाएगा।

Key Takeaways

  • सुप्रीम कोर्ट में सोनम वांगचुक की नजरबंदी मामले की सुनवाई ८ दिसंबर को होगी।
  • गीतांजलि जे अंगमो ने उनकी हिरासत को अवैध बताते हुए याचिका दायर की है।
  • केंद्र सरकार ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता का जवाब दाखिल हो चुका है।
  • सोनम वांगचुक को एनएसए के तहत हिरासत में लिया गया है, जिसके खिलाफ व्यापक विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।
  • सुप्रीम कोर्ट का निर्णय नागरिक अधिकारों के लिए महत्वपूर्ण होगा।

नई दिल्ली, २४ नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। सुप्रीम कोर्ट में लद्दाख के प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के तहत नजरबंदी को चुनौती देने वाली याचिका पर सोमवार को सुनवाई फिर से टल गई है। अब अगली सुनवाई ८ दिसंबर को होगी।

वांगचुक की पत्नी गीतांजलि जे अंगमो द्वारा दायर इस याचिका में उनकी नजरबंदी की वैधता और अधिकारी की ओर से अपनाई गई प्रक्रिया पर प्रश्न उठाए गए थे।

केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल ने अदालत को बताया कि केंद्र के जवाब पर याचिकाकर्ता का प्रत्युत्तर दाखिल हो चुका है। कल ही यह जवाब प्रस्तुत किया गया है।

गीतांजलि अंगमो ने एक अर्जी दाखिल कर एनएसए के तहत सोनम वांगचुक की हिरासत को अवैध मानते हुए उनकी रिहाई की मांग की है।

पिछली सुनवाई के बाद, लेह के जिलाधिकारी ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर जानकारी दी कि सोनम वांगचुक उन गतिविधियों में शामिल रहे हैं जो देश की सुरक्षा, सार्वजनिक व्यवस्था और समाज की स्थिरता के लिए हानिकारक हैं।

गीतांजलि अंगमो ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि भारत के सॉलिसिटर जनरल ने सोनम वांगचुक के मामले में कल हमारे द्वारा दायर किए गए प्रत्युत्तर को पढ़ने और उस पर प्रतिक्रिया देने के लिए २ सप्ताह का समय मांगा है। अगली सुनवाई ८ दिसंबर को होगी।

उन्होंने बताया कि २९ अक्टूबर को सर्वोच्च न्यायालय ने बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका में संशोधन के हमारे अनुरोध को स्वीकार किया ताकि एक सप्ताह के भीतर नजरबंदी के आधार को चुनौती देने की प्रक्रिया शामिल की जा सके। ३ नवंबर को हमने ५ दिनों के भीतर संशोधन दायर किया। १७ नवंबर को भारत संघ ने ३ नवंबर से दिए गए १० दिनों के बजाय प्रतिवाद दायर करने में १४ दिन का समय लिया। २३ नवंबर को हमने ६ दिनों के भीतर प्रत्युत्तर दाखिल किया, जिसके लिए हमें ७ दिन का समय दिया गया था।

सोनम वांगचुक को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत हिरासत में लिया गया था। इसके पश्चात देशभर में विरोध प्रदर्शन हुए और नागरिक अधिकार समूहों ने भी इसकी आलोचना की। उन्होंने वांगचुक की हिरासत को मनमाना और अनुचित बताया।

Point of View

जो न केवल सोनम वांगचुक की व्यक्तिगत स्वतंत्रता को प्रभावित करेगा, बल्कि नागरिक अधिकारों के संरक्षण के लिए भी एक मिसाल कायम करेगा।
NationPress
24/11/2025

Frequently Asked Questions

सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई कब होगी?
अगली सुनवाई ८ दिसंबर को होगी।
सोनम वांगचुक किस अधिनियम के तहत नजरबंद हैं?
सोनम वांगचुक राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के तहत नजरबंद हैं।
क्या उनकी पत्नी ने कोई याचिका दायर की है?
हाँ, उनकी पत्नी गीतांजलि जे अंगमो ने उनकी नजरबंदी को चुनौती देते हुए याचिका दायर की है।
इस मामले में सरकार की क्या प्रतिक्रिया है?
सरकार का कहना है कि याचिकाकर्ता का जवाब दाखिल हो चुका है और वे अदालत की प्रक्रिया का पालन करेंगे।
क्या इस मामले में विरोध प्रदर्शन हुए हैं?
हाँ, सोनम वांगचुक की हिरासत पर देशभर में विरोध प्रदर्शन हुए हैं।
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