क्या श्रीलंका निर्यात और विदेशी मुद्रा बढ़ाने के लिए मुक्त व्यापार समझौतों का विस्तार करेगा?

सारांश
Key Takeaways
- श्रीलंकाई सरकार नए एफटीए पर विचार कर रही है।
- विदेशी मुद्रा आय बढ़ाने का लक्ष्य है।
- 2024 में परिधान निर्यात से 5 अरब डॉलर की आय की उम्मीद।
- पूर्व राष्ट्रपतियों को दी जाने वाली सुविधाओं में कटौती।
- सरकार का ध्यान मूल्य संवर्धन और ब्रांड पहचान पर।
कोलंबो, 17 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। श्रीलंकाई सरकार अपने निर्यात बाजारों में विविधता लाने और विदेशी मुद्रा आय को बढ़ाने के लिए और अधिक मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) करने की योजना बना रही है। यह जानकारी उद्योग और उद्यमिता विकास के उपमंत्री चथुरंगा अबेइसिंघे ने रविवार को मीडिया को दी।
उन्होंने कहा कि एक प्रतिस्पर्धी और सशक्त निर्यात क्षेत्र बनाने के लिए बाजारों का विविधीकरण अत्यंत महत्वपूर्ण है। व्यापारिक साझेदारियों के विस्तार से न केवल उत्पादों में विविधता आएगी बल्कि श्रीलंका की वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में भागीदारी भी मजबूत होगी।
सरकार मूल्य संवर्धन और ब्रांड पहचान को सशक्त बनाने पर भी ध्यान दे रही है। अबेइसिंघे ने बताया कि 2024 में श्रीलंका के परिधान निर्यात से 5 अरब डॉलर से अधिक की कमाई होने की उम्मीद है। सरकार का लक्ष्य 2030 तक इसे बढ़ाकर 8 अरब डॉलर तक पहुंचाना है।
इसी बीच, जुलाई में श्रीलंकाई सरकार ने राष्ट्रपतियों के विशेषाधिकार (निरसन) विधेयक अधिसूचित किया, जिसका उद्देश्य पूर्व राष्ट्रपतियों और उनकी पत्नियों को दी जाने वाली विशेष सुविधाओं को समाप्त करना है।
कैबिनेट ने 1986 के राष्ट्रपतियों के विशेषाधिकार अधिनियम में संशोधन को मंजूरी दी थी। इस कदम के जरिए लंबे समय से मिल रही सुविधाओं को खत्म करने की तैयारी है।
इससे पहले एक मंत्री ने खुलासा किया था कि 2024 में सरकार ने पूर्व राष्ट्रपतियों को दी जाने वाली सुविधाओं पर 1.1 अरब श्रीलंकाई रुपये (करीब 3.7 मिलियन डॉलर) खर्च किए।
वर्तमान प्रशासन का यह कदम अपने चुनावी वादों के तहत सरकारी खर्च कम करने और जवाबदेही बढ़ाने की दिशा में है।