क्या भारतीय डॉक्टरों का स्टैनफोर्ड सूची में शामिल होना गर्व की बात है: पीयूष गोयल

सारांश
Key Takeaways
- स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय की सूची में भारतीय डॉक्टरों का बढ़ता स्थान गर्व की बात है।
- यह उपलब्धि चिकित्सा अनुसंधान में भारत की विशेषज्ञता को दर्शाती है।
- वैज्ञानिकों को उनके अनुसंधान और उपलब्धियों के लिए सम्मानित किया गया है।
नई दिल्ली, 22 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बुधवार को कहा कि स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय की 2025 की दुनिया के शीर्ष 2 प्रतिशत वैज्ञानिकों की सूची में भारतीय डॉक्टरों की बढ़ती संख्या एक गर्व की बात है।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर गोयल ने लिखा कि यह उपलब्धि चिकित्सा अनुसंधान में देश की बढ़ती विशेषज्ञता को दर्शाती है। हाल ही में जारी की गई इस सूची में देश के शीर्ष संस्थानों के 14 हड्डी रोग विशेषज्ञ, 41 बाल रोग विशेषज्ञ और 6,000 से अधिक फैकल्टी मेंबर्स शामिल हैं।
गोयल ने एक पोस्ट में कहा कि भारतीय डॉक्टरों के लिए यह गर्व की बात है। मंत्री ने कहा कि वैज्ञानिकों को 'उनके अग्रणी अनुसंधान, उपलब्धियों और क्षेत्र में परिवर्तनकारी प्रभाव' के लिए सम्मानित किया गया है।
उन्होंने कहा कि यह सम्मान चिकित्सा अनुसंधान में भारत की बढ़ती विशेषज्ञता और नवाचार तथा वैश्विक उत्कृष्टता के प्रति इसके वैज्ञानिक समुदाय की अटूट प्रतिबद्धता का प्रमाण है। पीयूष गोयल ने 'डॉ. अरुण मुल्लाजी, एक प्रिय मित्र और प्रसिद्ध हड्डी रोग विशेषज्ञ' का भी उल्लेख किया।
एकल-वर्षीय श्रेणी के अंतर्गत सूची में 6,239 भारतीय संकाय शामिल थे। अकेले 2024 में, रिपोर्ट में करियर-पर्यंत श्रेणी में 3,372 को मान्यता दी गई।
एकल-वर्षीय रैंकिंग की वैश्विक सूची में शामिल लोगों में, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों ने 755 शोधकर्ताओं के साथ सबसे बड़ा योगदान दिया, इसके बाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थानों से 330 से अधिक और भारतीय विज्ञान संस्थान बैंगलोर से 117 शोधकर्ता शामिल हैं।
इस प्रतिष्ठित सूची में जगह पाने वालों में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के कुल 80 शोधकर्ताओं में से 56 नई दिल्ली स्थित एम्स से हैं।