क्या सुभाष घई ने 'परदेस' की यादों में खोकर अपने अनुभव साझा किए?

सारांश
Key Takeaways
- परदेस एक यादगार फिल्म है जिसने दर्शकों का दिल जीता।
- निर्माण में टीमवर्क का बड़ा महत्व है।
- सुभाष घई ने फिल्म के अनुभवों को साझा करते हुए भावनाओं के उतार-चढ़ाव को बताया।
- फिल्म में शाहरुख खान की अदाकारी ने उसे और खास बनाया।
- फिल्म के पीछे की रचनात्मकता और मेहनत की सराहना की गई।
मुंबई, 26 जून (राष्ट्र प्रेस)। प्रसिद्ध फिल्म निर्माता सुभाष घई ने अपनी 1997 में रिलीज हुई सुपरहिट फिल्म 'परदेस' के निर्माण के दिनों को याद किया। सुभाष घई ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा की, जिसमें उन्होंने शूटिंग के अनुभव, कलाकारों के साथ बिताए गए अद्भुत पल और फिल्म से जुड़ी खास यादों का जिक्र किया।
फतेहपुर सीकरी में फिल्म की शूटिंग के दौरान खींची गई एक पुरानी तस्वीर को सुभाष घई ने अपने इंस्टाग्राम पर साझा किया और नोट में कहा कि 'परदेस' जैसी यादगार फिल्म तभी बन सकती है जब लेखक, निर्देशक और अभिनेता सब मिलकर पूरे दिल और उत्साह के साथ काम करें।
उन्होंने बताया कि इस फिल्म में भावनाओं का उतार-चढ़ाव अद्भुत था और आज भी लोगों को पसंद आने वाली कहानी का श्रेय सिर्फ उन्हें (सुभाष घई) को नहीं, बल्कि उनकी पूरी टीम को जाता है। इस फिल्म को विशेष बनाने में उनके सह-लेखक नीरज पाठक, संवाद लेखक जावेद सिद्दीकी और मुख्य अभिनेता शाहरुख खान समेत कई लोगों का महत्वपूर्ण योगदान रहा।
इंस्टाग्राम पर साझा की गई बीटीएस फोटो में सुभाष घई, शाहरुख खान और फिल्म की टीम के अन्य सदस्यों के साथ नजर आ रहे हैं। फोटो में देखा जा सकता है कि सुभाष घई शाहरुख को एक सीन समझा रहे हैं।
इस फोटो के साथ उन्होंने भावुकता से लिखा, "'परदेस' जैसी यादगार फिल्म तभी बन सकती है जब लेखक, निर्देशक और अभिनेता मिलकर फिल्म के हर पल को संवारने में पूरी मेहनत से काम करें। मेरे सह-लेखक नीरज पाठक, संवाद लेखक जावेद सिद्दीकी और सुपरस्टार शाहरुख खान ने मिलकर फिल्म के क्लाइमेक्स सीन को बनाने और निभाने में पूरी जान लगा दी। मुझे अभी फतेहपुर सीकरी में हुई शूटिंग की एक पुरानी तस्वीर मिली। इस फोटो ने उन पलों की याद दिला दी, जब कल्पना और रचनात्मकता मिलकर जादू दिखाती है। जब सही लोग मिलकर काम करते हैं और हर पल को पूरी तरह से जीते हैं, तो कमाल की फिल्में बनती हैं- जैसे 'परदेस' बनी थी।"
'परदेस' में शाहरुख खान के अलावा महिमा चौधरी, अपूर्व अग्निहोत्री, आलोक नाथ, अमरीश पुरी और हिमानी शिवपुरी जैसे अद्भुत कलाकारों ने महत्वपूर्ण भूमिकाएँ निभाई हैं।
यह फिल्म 8 अगस्त 1997 को रिलीज़ हुई थी।