क्या जेडीयू का एक और विधायक बागी हो गए हैं? बरबीघा से सुदर्शन कुमार ने निर्दलीय नामांकन किया

सारांश
Key Takeaways
- सुदर्शन कुमार ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का निर्णय लिया।
- जेडीयू ने उनका टिकट काटा और नया उम्मीदवार घोषित किया।
- समर्थकों का रोष पार्टी के निर्णय को चुनौती देता है।
- सुदर्शन ने अपने राजनीतिक सफर की 10 साल की चर्चा की।
- यह घटनाक्रम बिहार की राजनीतिक स्थिति को प्रभावित कर सकता है।
शेखपुरा, 17 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बरबीघा के पूर्व जदयू विधायक सुदर्शन कुमार को इस बार पार्टी द्वारा टिकट नहीं दिया गया है, जिसके चलते उन्होंने निर्दलीय चुनावी मैदान में कदम रखा है।
पार्टी के निर्णय से आहत सुदर्शन कुमार ने बरबीघा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने का निर्णय लिया। 17 अक्टूबर को नामांकन के अंतिम दिन, उन्होंने अपना नामांकन पत्र प्रस्तुत किया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में समर्थक झंडे-बैनर के साथ नारे लगाते हुए दिखाई दिए।
जनता दल यूनाइटेड ने इस बार सुदर्शन कुमार का टिकट काटकर नालंदा निवासी कुमार पुष्पंजय को बरबीघा विधानसभा के लिए पार्टी का उम्मीदवार बनाया। जेडीयू के इस निर्णय से विधायक सुदर्शन कुमार के समर्थकों में भारी असंतोष देखने को मिला है। हाल ही में, उन्होंने अपने पैतृक गांव हथियावां में अपने समर्थकों के साथ एक बैठक की थी।
इस मुलाकात में विभिन्न गांवों से आए सैकड़ों समर्थकों ने उन्हें हर हाल में चुनाव लड़ने का दबाव डाला। समर्थकों ने इस मौके पर जिले के प्रमुख नेता माने जाने वाले विधायक के दादा, पूर्व सांसद स्व. राजो सिंह, उनके पिता, पूर्व मंत्री स्व. संजय कुमार सिंह, और माता, पूर्व विधायक स्व. सुनीला देवी, के कार्यों की भी चर्चा की।
रोष में समर्थकों ने आरोप लगाया कि जानबूझकर उन्हें अपमानित करते हुए टिकट नहीं दिया गया। उन्होंने सुदर्शन कुमार से राजो सिंह के सपनों को साकार करने के लिए चुनाव लड़ने की अपील की। इस दौरान निवर्तमान विधायक सुदर्शन कुमार ने कहा कि, "मैं हमेशा पार्टी के एक समर्पित कार्यकर्ता के रूप में बरबीघा की जनता के सुख-दुख में हमेशा साथ रहा हूं।"
उन्होंने बताया कि बरबीघा की जनता की 10 वर्षों तक निरंतर सेवा की। अंतिम समय में उनका टिकट काटकर अपमानित करने का प्रयास किया गया है।