क्या ‘जटाधरा’ के गाने ‘जो लाली जो’ की शूटिंग के दौरान सुधीर बाबू को मां की याद आई?
सारांश
Key Takeaways
- गाना मां और बेटे के रिश्ते का प्रतीक है।
- निर्माताओं ने इस गाने को फिल्म का दिल बताया है।
- प्रभावी भावनाओं का अनुभव प्रदान करता है।
- फिल्म ७ नवंबर को रिलीज होगी।
- सुधीर बाबू का व्यक्तिगत अनुभव साझा किया गया है।
मुंबई, २५ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। अभिनेता सुधीर बाबू और सोनाक्षी सिन्हा की बहुप्रतीक्षित ड्रामा ‘जटाधरा’ के निर्माताओं ने फिल्म की एक दिल को छू लेने वाली लोरी ‘जो लाली जो’ को रिलीज कर दिया है।
यह गाना एक मां और उसके बेटे के बीच के पवित्र और अटूट रिश्ते को दर्शाता है। इस गीत को शिविन कश्यप ने लिखा है। इस गाने के बारे में बात करते हुए निर्माता प्रेरणा अरोड़ा ने कहा, "जो लाली सिर्फ एक गाना नहीं है—यह ‘जटाधरा’ का दिल है। यह एक मां की प्रार्थना की मासूमियत और जुदाई के दर्द को एक ही सांस में समेटे हुए है। यह उन दुर्लभ गीतों में से एक है जो आपको सोचने से पहले ही अहसास करा देता है।"
निर्देशक उमेेश कुमार बंसल ने आगे कहा, "यह गीत जटाधरा के अर्थ को परिभाषित करता है - भावना, ऊर्जा और ज्ञान। 'जो लाली जो' का हर फ्रेम एक ऐसे सत्य को दर्शाता है जिसे हम सभी ने जीया है। मां का प्यार हमारी पहली लोरी भी है और जीवनभर की ताकत भी।"
अभिनेता सुधीर बाबू ने कहा, "जो लाली जो की शूटिंग मेरे लिए बेहद निजी अनुभव था। इसने मुझे अपनी मां के साथ अपने रिश्ते की याद दिला दी—एक पवित्र, जमीन से जुड़ा और भावनात्मक बंधन। इस गीत में एक ऐसी शांति है जो शब्दों से अधिक जोरदार है।"
वेटरन फिल्म एक्ट्रेस इंदिरा कृष्णन ने गाने के बारे में बात करते हुए कहा, "जो लाली जो हमें एक गहरी भावना के माहौल में ले गया। इसकी शूटिंग के दौरान, सेट पर मौजूद सभी लोग, अभिनेताओं से लेकर क्रू तक, इस गीत को सुनकर सभी की आंखें नम हो गईं। यह संगीत का वह दुर्लभ टुकड़ा है जो आपको आपके माता-पिता के शांत त्याग और उनके असीम प्रेम की याद दिलाता है। यह भावना इतनी सच्ची थी कि आप इसे स्क्रीन पर महसूस कर सकते थे।"
फिल्म ‘जटाधरा’ में शिल्पा शिरोडकर, रवि प्रकाश और रोहित पाठक जैसे कलाकार भी हैं। यह फिल्म ७ नवंबर को हिंदी और तेलुगु में सिनेमाघरों में रिलीज होगी।