क्या सुक्खू सरकार आपदा प्रबंधन में पूरी तरह फेल साबित हुई है?

सारांश
Key Takeaways
- आपदा प्रबंधन में सरकार की विफलता
- भाजपा सांसद का आरोप कि राहत पहुंचाने में नाकाम रही सरकार
- भारी बारिश से प्राकृतिक आपदा का सामना
- लोगों की बुनियादी सुविधाएं प्रभावित हुई
- सरकार से श्वेत पत्र की मांग
हमीरपुर, 4 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। पूर्व केंद्रीय मंत्री और हमीरपुर लोकसभा सीट के सांसद अनुराग सिंह ठाकुर ने प्रदेश की सुक्खू सरकार पर तीखा हमला किया। हमीरपुर में पत्रकारों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार आपदा के समय जनता को राहत पहुंचाने में पूरी तरह विफल रही है।
अनुराग ठाकुर ने आरोप लगाया कि आपदा की घड़ी में सरकार लोगों को एक तिरपाल तक उपलब्ध कराने में नाकाम रही। उन्होंने कहा कि केंद्र की एनडीए सरकार ने आपदा के समय हिमाचल प्रदेश को कांग्रेस की यूपीए सरकार की तुलना में कई गुना अधिक आर्थिक सहायता दी है। सांसद ने कहा कि एनडीए सरकार ने पिछले 10 वर्षों में हिमाचल को एसडीआरएफ में तीन गुना और एनडीआरएफ में दस गुना अधिक धनराशि मुहैया करवाई। इसके बावजूद प्रदेश सरकार जनता को बुनियादी सुविधाएं देने में असफल साबित हुई है।
भाजपा सांसद ने सवाल उठाया कि 2023 में आई विनाशकारी आपदा से प्रदेश सरकार ने क्या सबक लिया? उन्होंने कहा कि हालात यह हैं कि लोगों को आज नालियां खुलवाने तक के लिए अपनी जेब से पैसा खर्च करना पड़ रहा है। कई ठेकेदारों के पुराने बिल का आज तक भुगतान नहीं हुआ। सरकार का भरोसा खो चुका है। राज्य सरकार अपने नागरिकों को बुनियादी सुविधाएं देने में भी सक्षम नहीं है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार अब न तो जनता का विश्वास जीत पा रही है और न ही स्थानीय ठेकेदारों का भरोसा। उन्होंने सरकार से मांग की कि वह एक श्वेत पत्र जारी कर स्पष्ट करे कि आपदा राहत के लिए मिले पैसों का उपयोग कहां-कहां किया गया है।
इससे पहले, अनुराग ठाकुर ने बुधवार को 'एक्स' पोस्ट में लिखा, "विगत कुछ दिनों से हिमाचल प्रदेश भारी बारिश व जगह-जगह बादल फटने की घटना से प्राकृतिक आपदा की मार झेल रहा है। प्रदेश के कई जिलों में इस आपदा के चलते सामान्य जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है जिससे प्रदेश को हजारों करोड़ का नुकसान व जान-माल की हानि हुई है। मेरे हमीरपुर संसदीय क्षेत्र के बिलासपुर जिले के कई अन्य हिस्सों में बारिश ने भयंकर तबाही मचाई है। आपदा का यह रूप अत्यंत हृदयविदारक है और बनी बनाई व्यवस्था व मकानों-इमारतों को जमींदोज होते देखना अत्यंत कष्टदाई है। नुकसान सरकार व जनता दोनों का हुआ है। हमारा प्रयास है कि लोगों की जान, घर व उनके सामान सुरक्षित रहें।"