क्या जौनपुर की सुनीता पटेल ने पीएम मोदी की योजनाओं से आत्मनिर्भरता हासिल की?

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क्या जौनपुर की सुनीता पटेल ने पीएम मोदी की योजनाओं से आत्मनिर्भरता हासिल की?

सारांश

जौनपुर की सुनीता पटेल ने पीएम मोदी की योजनाओं की सराहना करते हुए आत्मनिर्भरता की कहानी साझा की। उनके छोटे कारखाने से महिलाओं को सशक्त बनाने में मदद मिली है। क्या आपको पता है कि कैसे एक साधारण विचार ने उनकी जिंदगी बदल दी?

Key Takeaways

  • सुनीता पटेल ने आत्मनिर्भरता की ओर पहला कदम बढ़ाया।
  • पीएम मोदी की योजनाओं से महिलाओं को सशक्त बनाया गया।
  • स्वयं सहायता समूहों का महत्व बढ़ा है।
  • आर्थिक स्वतंत्रता प्राप्त करने का नया मार्ग खुला है।
  • पर्स बनाने का व्यवसाय स्थानीय बाजार में सफल है।

जौनपुर, 27 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश की जौनपुर की निवासी सुनीता पटेल ने पीएम मोदी की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए कई योजनाओं को वास्तविकता में लाया है। जो महिलाएं पहले कुछ करना चाहती थीं और जिन्हें प्लेटफॉर्म नहीं मिल रहा था, अब पीएम मोदी की योजनाओं से लाभ उठाकर सशक्त बन रही हैं।

सुनीता पटेल जौनपुर में एक छोटा सा कारखाना चलाती हैं। उन्होंने बताया कि पहले चार से पांच हजार रुपए की बचत ही होती थी, लेकिन आज महीने में बीस हजार रुपए का मुनाफा हो रहा है। उन्होंने कहा कि पूर्व की सरकारों ने महिलाओं के बारे में कभी नहीं सोचा। महिलाएं यदि निजी नौकरी करें तो उन्हें शोषण का सामना करना पड़ता था। पीएम मोदी ने योजनाएं शुरू कर हमें नया जीवन दिया है। हम आत्मनिर्भर हो चुके हैं और अपना काम करते हुए गर्व महसूस कर रहे हैं।

यह भी ध्यान देने योग्य है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने में राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (एनयूएलएम) महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इस योजना के अंतर्गत जौनपुर की महिलाएं न केवल आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन रही हैं, बल्कि समाज में अपनी पहचान भी बना रही हैं।

सुनीता पटेल ने बताया कि वह पहले एक कॉलेज में निजी शिक्षिका के रूप में काम करती थीं, जहां उन्हें जीविकोपार्जन के लिए केवल तीन हजार रुपए मासिक मिलते थे। उनकी एक सहेली, जो वर्तमान में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता हैं, ने उन्हें स्वयं सहायता समूह के बारे में बताया और इसमें शामिल होने के लिए प्रेरित किया। सुनीता ने इसके बाद दस महिलाओं को जोड़कर एक समूह बनाया। इस समूह के माध्यम से उन्हें बैंक से एक लाख रुपए का ऋण आसानी से मिल गया। इस राशि से उन्होंने अन्य महिलाओं के साथ मिलकर पर्स बनाने का एक छोटा कारखाना शुरू किया।

आज यह समूह प्रति माह 15 से 20 हजार रुपए तक की कमाई कर रहा है। उन्होंने बताया कि उनके द्वारा बनाए गए पर्स थोक में 90 रुपए और फुटकर में 140 रुपए में बिकते हैं। त्योहारी सीजन के कारण बाजार में इनकी मांग बढ़ गई है, विशेषकर सोने-चांदी के दुकानदारों से बड़े ऑर्डर मिल रहे हैं। उन्होंने कहा कि पर्स बनाने के लिए कच्चा माल मछलीशहर बाजार से आता है।

पीएम मोदी की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने महिलाओं के लिए जो किया है, वह अत्यंत सराहनीय है। पहले महिलाएं दबी हुई महसूस करती थीं, निजी नौकरियों में अधिक मेहनत के बदले कम वेतन और शोषण का सामना करना पड़ता था। अब उनके द्वारा दिखाए रास्तों से स्वरोजगार के लिए किसी के सामने हाथ फैलाने की आवश्यकता नहीं है।

Point of View

NationPress
27/09/2025

Frequently Asked Questions

सुनीता पटेल ने किस प्रकार का व्यवसाय शुरू किया?
सुनीता पटेल ने पर्स बनाने का व्यवसाय शुरू किया है।
पीएम मोदी की कौन सी योजना से सुनीता को लाभ मिला?
सुनीता को राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (एनयूएलएम) से लाभ मिला।
सुनीता ने व्यवसाय कैसे शुरू किया?
उन्होंने स्वयं सहायता समूह बनाकर बैंक से ऋण प्राप्त किया और व्यवसाय शुरू किया।
सुनीता की मासिक आय कितनी है?
सुनीता की मासिक आय 15 से 20 हजार रुपए के बीच है।
सुनीता के द्वारा बनाए गए पर्स की कीमत क्या है?
थोक में 90 रुपए और फुटकर में 140 रुपए में बिकते हैं।