क्या जस्टिस यशवंत वर्मा कैश कांड में सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई होगी?

Click to start listening
क्या जस्टिस यशवंत वर्मा कैश कांड में सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई होगी?

सारांश

आज सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस यशवंत वर्मा से जुड़े नकदी बरामदगी मामले में सुनवाई की जाएगी, जो न्यायिक संगठनों में हलचल मचा रहा है। इस मामले में दो महत्वपूर्ण याचिकाएं हैं। क्या यह सुनवाई जस्टिस वर्मा के लिए एक नया मोड़ साबित होगी?

Key Takeaways

  • सुप्रीम कोर्ट में आज जस्टिस वर्मा की याचिकाओं पर सुनवाई होगी।
  • जस्टिस वर्मा ने तीन सदस्यीय जांच समिति की रिपोर्ट को चुनौती दी है।
  • महाभियोग प्रस्ताव के कारण जस्टिस वर्मा की स्थिति पर सवाल उठ रहे हैं।
  • जले हुए नोटों के मामले में दिल्ली पुलिस से एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई है।
  • यह मामला न्यायिक स्वतंत्रता और निष्पक्षता पर प्रकाश डालता है।

नई दिल्ली, 28 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। आज सुप्रीम कोर्ट जस्टिस यशवंत वर्मा से जुड़ी नकदी बरामदगी मामले में दो महत्वपूर्ण याचिकाओं पर सुनवाई करेगा। जिनके खिलाफ लोकसभा में महाभियोग प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया है।

एससी की वेबसाइट पर जारी कारण सूची के अनुसार, जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस ए.जी. मसीह की पीठ इन याचिकाओं की सुनवाई करेगी।

पहली याचिका खुद जस्टिस वर्मा द्वारा दायर की गई है, जिसमें उन्होंने सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित तीन सदस्यीय जांच समिति की रिपोर्ट को चुनौती दी है। इस समिति ने संविधान के अनुच्छेद 124(4) के तहत उनकी बर्खास्तगी की सिफारिश की थी।

जस्टिस वर्मा का कहना है कि पूर्व मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना द्वारा राष्ट्रपति और तत्कालीन प्रधानमंत्री को भेजे गए पत्र (जिसमें समिति की सिफारिशों के आधार पर कार्रवाई का जिक्र था) को रद्द किया जाए।

उन्होंने कहा, "जांच समिति ने पूर्व निर्धारित तरीके से कार्य किया और मुझे अपना पक्ष रखने का उचित अवसर नहीं दिया।"

दूसरी याचिका अधिवक्ता मैथ्यू जे. नेदुमपारा और अन्य सह-याचिकाकर्ताओं ने प्रस्तुत की है, जिसमें दिल्ली पुलिस से जस्टिस वर्मा के आधिकारिक आवास के बाहरी हिस्से में मिले जले हुए नोट मामले में प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज करने का निर्देश देने की मांग की गई है।

इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने मार्च में नकदी बरामदगी की जांच और मई में जस्टिस वर्मा के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई की मांग वाली नेदुमपारा की याचिकाओं को खारिज कर दिया था।

यह विवाद तब शुरू हुआ जब 14 मार्च को जस्टिस वर्मा के नई दिल्ली स्थित आवास के बाहरी हिस्से में जले हुए नोट मिले। इस घटना ने न्यायिक हलकों में हड़कंप मचा दिया। इसके बाद जस्टिस वर्मा को दिल्ली हाई कोर्ट से इलाहाबाद हाई कोर्ट भेज दिया गया और आरोपों की जांच के लिए एक आंतरिक समिति गठित की गई।

Point of View

यह स्पष्ट है कि न्यायिक प्रक्रिया में पारदर्शिता आवश्यक है। हालांकि, महाभियोग प्रस्ताव और जांच समिति की सिफारिशें न्यायिक स्वतंत्रता और निष्पक्षता की रक्षा की आवश्यकता पर भी प्रकाश डालती हैं।
NationPress
27/12/2025

Frequently Asked Questions

जस्टिस यशवंत वर्मा का मामला क्या है?
जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ नकदी बरामदगी से संबंधित आरोप हैं, जिसके कारण महाभियोग प्रस्ताव लाया गया है।
सुप्रीम कोर्ट में आज क्या सुनवाई होगी?
आज सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस वर्मा की याचिकाओं पर सुनवाई की जाएगी।
क्या जस्टिस वर्मा ने अपनी बर्खास्तगी को चुनौती दी है?
हाँ, जस्टिस वर्मा ने जांच समिति की रिपोर्ट को चुनौती दी है।
Nation Press