क्या सुप्रीम कोर्ट का फैसला भेदभाव की 'गर्म हवाओं' के बीच 'ठंडी हवा' जैसा है? : मोहिबुल्लाह नदवी

सारांश
Key Takeaways
- भेदभावपूर्ण राजनीति के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का निर्णय महत्वपूर्ण है।
- वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में सुधार होगा।
- संविधान के मूल सिद्धांतों का सम्मान होगा।
नई दिल्ली, 15 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद मोहिबुल्लाह नदवी ने सुप्रीम कोर्ट के वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 पर दिए गए अंतरिम फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि यह फैसला भेदभावपूर्ण राजनीति के बीच एक सकारात्मक बदलाव की तरह है।
सांसद नदवी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले की तुलना मौसम से की। उन्होंने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, "अदालत ने जिन बिंदुओं पर फैसला सुनाया है, वे बिल्कुल मई और जून में चलने वाली गर्म हवाओं की तरह हैं, जिनके तहत भेदभाव की सियासत हो रही थी। हालांकि, बाद में जब बारिश हो जाती है और अचानक ठंडी हवाएं चलने लगती हैं, इसी तरह ही सुप्रीम कोर्ट ने राहत भरी खबर दी है।"
उन्होंने आगे कहा, "सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ कानून के कुछ विवादास्पद प्रावधानों पर रोक लगाकर राहत भरी खबर दी है, जो भेदभावपूर्ण राजनीति के बीच एक सकारात्मक बदलाव की तरह है।"
नदवी ने फैसले के तीन प्रमुख बिंदुओं का जिक्र करते हुए कहा कि जिन चीजों पर रोक लगाई है, उससे इस चीज को बेहतर करने में मदद मिलेगी। इससे वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में सुधार होगा और संविधान के मूल सिद्धांतों का सम्मान होगा।
उन्होंने कहा, "जिस तरह से सरकार ने एक कानून लाकर उसे पास किया, हम लोग उसी के खिलाफ अपनी आवाज उठा रहे थे। आज सुप्रीम कोर्ट ने उन्हीं बिंदुओं पर रोक लगाने का काम किया है, जिससे संविधान की आत्मा कमजोर हो रही थी।"
सांसद मोहिबुल्लाह नदवी ने मोहन भागवत के हालिया बयान पर भी प्रतिक्रिया दी। नदवी ने कहा, "अगर सच्ची श्रद्धा से वो यह बात कह रहे हैं, तो पहले उन्हें यह देखना चाहिए कि उनके संगठन के तहत चलने वाले लोग नफरत फैलाने का काम कर रहे हैं। उन्हें पहले अपने यहां से शुरुआत करनी चाहिए। हम अपने सभी भाइयों को साथ तभी ले सकते हैं, जब मन बड़ा हो। उन्हें सभी धर्मों को सम्मान देकर इसकी शुरुआत नागपुर से करनी चाहिए।"