क्या सेंगर की जमानत पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला सही है? दोषी को फांसी मिलनी चाहिए: सोमनाथ भारती

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क्या सेंगर की जमानत पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला सही है? दोषी को फांसी मिलनी चाहिए: सोमनाथ भारती

सारांश

उन्नाव रेप मामले में सुप्रीम कोर्ट के स्टे के फैसले का स्वागत करते हुए सोमनाथ भारती ने कहा कि यह पीड़िता के लिए न्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस फैसले ने शक्तिशाली लोगों को कानून के दायरे में लाने का संदेश दिया है।

Key Takeaways

  • सुप्रीम कोर्ट ने जमानत पर रोक लगाई है।
  • सोमनाथ भारती ने इसे महत्वपूर्ण कदम बताया।
  • कानून से ऊपर कोई नहीं है।
  • जनता की भावनाओं का सम्मान किया गया।
  • कुलदीप सेंगर को फांसी की सजा का समर्थन किया गया।

नई दिल्ली, 29 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। उन्नाव बलात्कार मामले में दोषी पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को दिल्ली हाईकोर्ट से मिली जमानत पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा स्टे लगाने के फैसले का आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ नेता सोमनाथ भारती ने स्वागत किया है।

उन्होंने इसे पीड़िता के लिए न्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया और कहा कि इस फैसले से देशभर में एक मजबूत संदेश गया है कि कानून से ऊपर कोई नहीं है, चाहे वह कितना ही शक्तिशाली क्यों न हो।

सोमनाथ भारती ने राष्ट्र प्रेस से कहा कि हाल के दिनों में देश में यह माहौल बन रहा था कि क्या सच में पीड़िता को न्याय मिल पाएगा। ऐसे समय में सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट के जमानत आदेश पर रोक लगाकर एक सकारात्मक और भरोसा बढ़ाने वाला फैसला दिया है।

उन्होंने कहा कि अक्सर जब किसी प्रभावशाली व्यक्ति के खिलाफ मामला सामने आता है, तो लोगों के मन में यह धारणा बन जाती है कि शायद उसके खिलाफ कुछ नहीं होगा, लेकिन इस फैसले ने उन सभी शक्तिशाली लोगों को साफ संदेश दिया है कि अगर गलती करोगे, तो कानून से बचना नहीं पाओगे।

'आप' नेता ने न्यायिक प्रक्रिया और जांच एजेंसियों की भूमिका पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि अगर एजेंसियां शुरू से ही मजबूती के साथ अदालत में यह कहतीं कि आरोपी को जमानत नहीं मिलनी चाहिए, तो संभव है कि हाईकोर्ट से ही जमानत न मिलती। देशभर में विरोध और नाराजगी का माहौल बना, तब एजेंसियों ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया और वहां से जमानत पर रोक लगवाई गई।

सोमनाथ भारती ने कहा कि यह राहत की बात है कि सुप्रीम कोर्ट और जांच एजेंसियां अभी भी जनता की भावनाओं और चिंताओं को समझ रही हैं। जमानत पर रोक लगना जरूरी था, क्योंकि इससे देश में बन रहे नकारात्मक माहौल पर भी विराम लगा है।

हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सिर्फ जमानत पर रोक लगाना ही पर्याप्त नहीं है। कुलदीप सेंगर को उसके अपराधों के लिए फांसी की सजा मिलनी चाहिए। अगर इस मामले पर एक किताब लिखी जाए, तो उसके लिए पन्ने कम पड़ जाएंगे, क्योंकि जिस तरह का अन्याय और त्रासदी इस परिवार ने झेली है, वह बेहद दर्दनाक है।

Point of View

बल्कि समाज में कानून के प्रति विश्वास को भी मजबूत करता है। हमें ऐसे फैसलों का स्वागत करना चाहिए जो प्रभावशाली लोगों को भी कानून के दायरे में लाते हैं।
NationPress
29/12/2025

Frequently Asked Questions

कुलदीप सेंगर को जमानत क्यों मिली थी?
उन्हें दिल्ली हाईकोर्ट से जमानत मिली थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उस पर स्टे लगा दिया।
सोमनाथ भारती ने इस फैसले के बारे में क्या कहा?
उन्होंने इसे पीड़िता के लिए न्याय का एक महत्वपूर्ण कदम बताया है।
क्या सुप्रीम कोर्ट का फैसला प्रभावी होगा?
हां, यह निर्णय कानून के प्रति विश्वास को बढ़ाता है और शक्तिशाली लोगों को कानून के दायरे में लाता है।
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