क्या सुप्रीम कोर्ट ने फलोदी सड़क हादसे का स्वतः संज्ञान लिया?
सारांश
Key Takeaways
- सुप्रीम कोर्ट ने मामले का स्वतः संज्ञान लिया।
- 10 नवंबर को होगी सुनवाई।
- हादसे में 15 लोगों की मौत हुई।
- घायलों का इलाज चल रहा है।
- मुख्यमंत्री ने शोक व्यक्त किया।
जयपुर, ८ नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान के फलोदी में हुए भीषण सड़क हादसे का स्वतः संज्ञान लिया है, जिसमें २ नवंबर को एक टेंपो ट्रैवलर ने खड़े ट्रक से टकरा जाने के कारण कम से कम १५ लोगों की जान चली गई थी।
यह मामला अब जनहित याचिका (पीआईएल) के रूप में दर्ज कर लिया गया है और १० नवंबर को इसकी सुनवाई जस्टिस जेके माहेश्वरी और जस्टिस विजय बिश्नोई की बेंच में होगी।
इस हादसे के समय टेंपो में महिलाएं और बच्चे सवार थे, जो जोधपुर से बीकानेर तीर्थयात्रा पर गए थे। लौटते समय भारतमाला हाईवे पर एक ढाबे के सामने खड़े ट्रक से टेंपो की टक्कर हो गई। बताया गया है कि टेंपो तेज रफ्तार में था और एक अन्य वाहन को ओवरटेक करने का प्रयास कर रहा था, तभी यह भयानक हादसा हुआ। इस घटना में ड्राइवर समेत १५ लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि अन्य २ लोग घायल हुए हैं।
यह हादसा जोधपुर जिले के फलोदी के मतोड़ा क्षेत्र में हुआ, जहाँ एक टूरिस्ट बस सड़क किनारे खड़े ट्रेलर से टकरा गई थी। इस दर्दनाक घटना में १५ लोगों की जान गई जबकि कई अन्य घायल हुए।
जानकारी के अनुसार, सभी मृतक और घायल श्रद्धालु थे जो बीकानेर के कोलायत दर्शन कर सूरसागर लौट रहे थे। जब उनका टेंपो ट्रैवलर मतोड़ा क्षेत्र में पहुँच रहा था, तभी अचानक सड़क पर खड़े एक ट्रक से जोरदार भिड़ंत हो गई। टक्कर इतनी भयंकर थी कि बस के परखच्चे उड़ गए और कई यात्रियों की मौके पर ही मृत्यु हो गई। सूचना मिलने पर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे और स्थानीय लोगों की मदद से राहत कार्य शुरू किया।
घायलों को तुरंत फलोदी अस्पताल और जोधपुर के महात्मा गांधी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। थानाधिकारी अमानाराम ने हादसे में १५ लोगों की मौत की पुष्टि की।
इस दुखद घटना पर राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने गहरा शोक व्यक्त किया। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में लिखा कि फलोदी के मतोडा क्षेत्र में सड़क दुर्घटना में हुई जनहानि अत्यंत दुखद एवं हृदयविदारक है। मेरी संवेदनाएं शोकाकुल परिजनों के साथ हैं। जिला प्रशासन के अधिकारियों को सभी घायलों का समुचित उपचार सुनिश्चित करने के लिए निर्देश दिए गए हैं। प्रभु से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्माओं को शांति दें और घायलों को शीघ्र स्वास्थ्य लाभ प्रदान करें।