क्या सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व सांसद प्रज्वल रेवन्ना की याचिका को खारिज किया?
सारांश
Key Takeaways
- प्रज्वल रेवन्ना को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका।
- रेप मामले की सुनवाई को दूसरी अदालत में स्थानांतरित करने की मांग खारिज।
- सुप्रीम कोर्ट ने जज पर पूर्वाग्रह के आरोपों को निराधार बताया।
- न्यायपालिका पर भरोसा महत्वपूर्ण।
- निचली अदालत में ही मामले की सुनवाई जारी रहेगी।
नई दिल्ली, 11 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। जनता दल (सेक्युलर) के नेता और पूर्व सांसद प्रज्वल रेवन्ना को सुप्रीम कोर्ट से एक बड़ा झटका मिला है। उन्होंने रेप के मामले में निचली अदालत में चल रही सुनवाई को किसी दूसरी कोर्ट में स्थानांतरित करने की मांग की थी। उनका आरोप था कि जज पूर्वाग्रह से काम कर रहे हैं, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका को खारिज कर दिया।
सुप्रीम कोर्ट की चीफ जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच ने स्पष्ट किया कि जिस जज ने रेवन्ना को एक अन्य रेप मामले में दोषी ठहराया है, वह अन्य लंबित मामलों की सुनवाई में उस फैसले से प्रभावित नहीं होंगे।
कोर्ट ने यह भी बताया कि निचली अदालत के जज पर पूर्वाग्रह के आरोप केवल आरोप हैं, जिनका कोई ठोस आधार नजर नहीं आता।
असल में, प्रज्वल रेवन्ना ने दावा किया था कि मौजूदा सेशन कोर्ट के जज उनके खिलाफ भेदभावपूर्ण कार्रवाई कर रहे हैं। उन्होंने अनुरोध किया कि मामला सांसद/विधायक स्पेशल कोर्ट से किसी अन्य सेशन कोर्ट में स्थानांतरित किया जाए, लेकिन कर्नाटक हाई कोर्ट ने पहले ही उनकी इस मांग को खारिज कर दिया था। इसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन यहां भी उन्हें राहत नहीं मिली।
यह ध्यान देने योग्य है कि प्रज्वल रेवन्ना को रेप के एक अन्य मामले में पहले से ही सांसद/विधायक स्पेशल कोर्ट द्वारा दोषी ठहराया जा चुका है और उन्हें उम्रकैद की सजा भी सुनाई जा चुकी है। इसी कारण उन्होंने कहा था कि जिस जज ने उन्हें पहले उम्रकैद दी, वह अन्य मामलों की सुनवाई में निष्पक्ष नहीं रह सकते। लेकिन, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि न्यायपालिका पर विश्वास रखना होगा और ऐसे पूर्वाग्रहों के आधार पर केस ट्रांसफर नहीं किया जा सकता।
सुप्रीम कोर्ट से पूर्व सांसद प्रज्वल रेवन्ना की सुनवाई को किसी दूसरे कोर्ट में स्थानांतरित करने की याचिका खारिज होने के बाद अब उसी सेशन कोर्ट में लंबित मामलों की सुनवाई जारी रहेगी, जिसमें पहले से मामला चल रहा है।