क्या छात्रों को डोमिसाइल लाभ से वंचित किया जा सकता है? सुप्रीम कोर्ट ने तेलंगाना सरकार को जारी किया नोटिस

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क्या छात्रों को डोमिसाइल लाभ से वंचित किया जा सकता है? सुप्रीम कोर्ट ने तेलंगाना सरकार को जारी किया नोटिस

सारांश

सुप्रीम कोर्ट ने तेलंगाना में नीट मेडिकल प्रवेश के लिए लागू डोमिसाइल नियमों को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई की। कोर्ट ने कहा कि छात्रों को डोमिसाइल लाभ से वंचित नहीं किया जा सकता। जानिए इस मामले में कोर्ट का क्या कहना है।

Key Takeaways

  • सुप्रीम कोर्ट ने डोमिसाइल नियमों पर चिंता जताई।
  • छात्रों को डोमिसाइल लाभ से वंचित नहीं किया जाना चाहिए।
  • तेलंगाना सरकार को समाधान निकालने का निर्देश।
  • अगली सुनवाई 5 अगस्त को होगी।
  • अन्य राज्यों में भी ऐसे नियमों में बदलाव हो रहे हैं।

नई दिल्ली, 23 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को तेलंगाना में नीट मेडिकल प्रवेश के लिए लागू डोमिसाइल नियमों को चुनौती देने वाली याचिकाओं की सुनवाई की। इस दौरान कोर्ट ने तेलंगाना सरकार को नोटिस जारी किया।

मुख्य न्यायाधीश जस्टिस बीआर गवई की अध्यक्षता वाली पीठ ने तेलंगाना सरकार से डोमिसाइल नियमों के समाधान के लिए कहा। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यदि माता-पिता तेलंगाना में निवास कर रहे हैं, तो उनके बच्चों को डोमिसाइल लाभ से वंचित नहीं किया जाना चाहिए।

सर्वोच्च अदालत ने कहा, "कई छात्र अध्ययन के लिए कोटा जैसे शहरों में जाते हैं। क्या इसका मतलब है कि उन्हें डोमिसाइल का लाभ नहीं मिलेगा? हम नहीं चाहते कि ऐसे छात्रों को अनावश्यक रूप से परेशान किया जाए।"

कोर्ट ने यह भी पूछा कि उन लोगों का क्या होगा जो तेलंगाना के मूल निवासी थे, लेकिन राज्य विभाजन के बाद नौकरी के कारण आंध्र प्रदेश चले गए? कोर्ट ने तेलंगाना सरकार को चेतावनी दी कि इस मुद्दे का समाधान निकाला जाए, वरना कोर्ट आदेश पारित करेगा।

डोमिसाइल नियमों को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी किया। इस मामले में अगली सुनवाई की तारीख 5 अगस्त निर्धारित की गई है।

गौरतलब है कि तेलंगाना सरकार ने 2017 के प्रवेश नियमों में 2024 में संशोधन किया, जिसमें यह शर्त जोड़ी गई कि राज्य कोटे के तहत मेडिकल और डेंटल कॉलेजों में प्रवेश केवल उन छात्रों को मिलेगा, जिन्होंने लगातार चार साल तक तेलंगाना में कक्षा 12 तक की पढ़ाई की हो।

सुप्रीम कोर्ट इस नियम के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई कर रही है। इससे पहले, तेलंगाना हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि केवल राज्य से बाहर पढ़ाई करने के आधार पर स्थायी निवासियों को मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश से वंचित नहीं किया जा सकता।

सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले पर फिलहाल रोक लगा दी और राज्य सरकार से पूछा था कि क्या मौजूदा सत्र के लिए यह नियम रोका जा सकता है।

कोर्ट ने यह भी माना कि तेलंगाना को अपने डोमिसाइल नियमों के आधार पर प्रवेश देने का अधिकार है, लेकिन इस मामले में और सुनवाई की आवश्यकता है।

उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र में भी इसी तरह के नियमों में बदलाव किया गया था, जहां माता-पिता के निवास स्थान के आधार पर डोमिसाइल प्रमाणपत्र जारी किया जाता है।

Point of View

बल्कि यह पूरे देश में छात्रों के अधिकारों और शिक्षा के मुद्दों को उजागर करता है। सुप्रीम कोर्ट का यह निर्णय छात्रों के समक्ष आने वाली चुनौतियों को समझने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि छात्रों के अधिकारों का सम्मान किया जाए।
NationPress
23/07/2025

Frequently Asked Questions

डोमिसाइल लाभ क्या है?
डोमिसाइल लाभ उन छात्रों को दिया जाता है जो एक विशेष राज्य के निवासी होते हैं, जिससे उन्हें उस राज्य में शिक्षा और नौकरी के अवसरों में प्राथमिकता मिलती है।
सुप्रीम कोर्ट ने तेलंगाना सरकार को क्या निर्देश दिए?
सुप्रीम कोर्ट ने तेलंगाना सरकार को निर्देश दिया कि यदि माता-पिता राज्य में रहते हैं, तो उनके बच्चों को डोमिसाइल लाभ से वंचित नहीं किया जाना चाहिए।
इस मामले की अगली सुनवाई कब होगी?
इस मामले की अगली सुनवाई 5 अगस्त को निर्धारित की गई है।
क्या कोर्ट ने पहले भी ऐसे मामलों में निर्णय दिए हैं?
जी हां, कोर्ट ने पहले भी ऐसे मामलों में छात्रों के अधिकारों की रक्षा के लिए निर्णय दिए हैं।
इस मामले का व्यापक प्रभाव क्या हो सकता है?
इस मामले का व्यापक प्रभाव छात्रों के लिए डोमिसाइल नियमों और शिक्षा के अधिकारों पर पड़ सकता है।