क्या लेह-लद्दाख हिंसा मामले में सुप्रिया सुले ने केंद्र सरकार पर सवाल उठाए?

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क्या लेह-लद्दाख हिंसा मामले में सुप्रिया सुले ने केंद्र सरकार पर सवाल उठाए?

सारांश

सुप्रिया सुले ने लेह-लद्दाख हिंसा पर केंद्र सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि इंटेलिजेंस विभाग की क्या भूमिका थी? बाढ़ राहत पैकेज की मांग भी उठाई। जानिए इस मुद्दे पर उनका क्या कहना है।

Key Takeaways

  • सुप्रिया सुले ने लेह-लद्दाख हिंसा पर केंद्र सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए।
  • सरकार को स्थिति की समीक्षा करनी चाहिए।
  • राज्य को केंद्र से राहत पैकेज की मांग करनी चाहिए।
  • सभी दलों को मिलकर काम करने की आवश्यकता है।
  • किसानों के ऋण माफ करने की बात कही।

मुंबई, २५ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) की सांसद सुप्रिया सुले ने लेह-लद्दाख हिंसा मामले को लेकर केंद्र सरकार पर जोरदार हमला किया। उन्होंने सवाल उठाते हुए पूछा कि भारत सरकार का इंटेलिजेंस विभाग किस कार्य में लगा था?

सुप्रिया सुले ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि, "हमने भी सरकार में काम किया है। मैं किसी को बचाव नहीं करना चाहती। सोनम वांगचुक पिछले एक साल से अपनी बातें रख रहे हैं। अगर आपको एक साल से वहां की अशांति का पता था, तो भारत सरकार का इंटेलिजेंस क्या कर रहा था?"

उन्होंने कहा कि भारत सरकार को स्थिति का पुनरावलोकन करना चाहिए और एक ऑल-पार्टी मीटिंग बुलाकर चर्चा करनी चाहिए। अगर कोई सुनने को तैयार हो तो संवाद संभव है।

सुप्रिया सुले ने महाराष्ट्र में कई जिलों में बाढ़ के मामले में प्रदेश सरकार पर टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार को केंद्र के पास राहत पैकेज के लिए प्रस्ताव भेज देना चाहिए था।

उन्होंने कहा कि मेरी राज्य सरकार से अपील है कि वे केंद्र सरकार से मदद मांगें। तभी केंद्र सरकार सहायता करेगी। महाराष्ट्र की सरकार कब प्रस्ताव भेजेगी? अब तक तो केंद्र सरकार से बात हो जानी चाहिए थी। यह भी एक प्रक्रिया है, गृह मंत्रालय की समिति होती है, प्रस्ताव उनके पास जाएगा, तब वे धनराशि प्रदान करेंगे।

सुप्रिया सुले ने कहा कि संजय राउत ने कहा था कि केंद्र ने पहले जो करीब चार हजार करोड़ रुपये भेजा था, वह अभी तक जनता में वितरित नहीं किया गया। इसकी भी जांच होनी चाहिए। किसानों का पूरा ऋण माफ करना होगा और नए सिरे से ऋण देना होगा। यह दुखद है कि हमें कभी राजनीति से ऊपर उठकर समाज सेवा करनी चाहिए। अगर सरकार के पास पैसा है तो एक बड़ा पैकेज घोषित करें। २,००० करोड़ से कुछ नहीं होगा। ऑपरेशन सिंदूर के समय जिस तरह से सभी ने मिलकर काम किया, वैसा ही करने की जरूरत है।

उन्होंने आगे कहा कि मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि बहुत सारा पैसा है, वहीं महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री कुछ और कह रहे हैं। सरकार को इस पर स्पष्टता की आवश्यकता है। इस मुद्दे पर हमारी पार्टी सरकार के साथ खड़ी रहने के लिए तैयार है। मुख्यमंत्री को ऑल पार्टी मीटिंग बुलानी चाहिए और पार्टी के बीच मतभेदों को अलग रखकर महाराष्ट्र के हित के लिए काम करना चाहिए। अगर मुख्यमंत्री ऑल पार्टी मीटिंग बुलाते हैं तो हम पूर्ण ताकत के साथ सरकार को मदद करना चाहते हैं।

उन्होंने शाहरुख खान को सम्मान मिलने पर कहा कि रानी मुखर्जी और शाहरुख खान देश के प्रतिभाशाली लोग हैं। मेरा मानना है कि देश में टैरिफ, प्राकृतिक आपदा, किसानों की दुर्दशा जैसे कई मुद्दे हैं जिन पर हमें चर्चा करने की आवश्यकता है।

Point of View

हमें यह समझना चाहिए कि सुप्रिया सुले का यह बयान केवल राजनीतिक नहीं है, बल्कि यह एक गंभीर मुद्दे की ओर इशारा करता है। लेह-लद्दाख की स्थिति की जांच और केंद्र सरकार की जिम्मेदारी हर नागरिक का सवाल है। हमें इस मुद्दे पर गहराई से विचार करना होगा।
NationPress
25/09/2025

Frequently Asked Questions

सुप्रिया सुले ने लेह-लद्दाख हिंसा पर क्या कहा?
सुप्रिया सुले ने केंद्र सरकार के इंटेलिजेंस विभाग पर सवाल उठाते हुए कहा कि पिछले एक साल से वहां अशांति है, फिर भी सरकार क्या कर रही थी?
उन्होंने बाढ़ राहत पर क्या टिप्पणी की?
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को केंद्र को राहत पैकेज का प्रस्ताव भेज देना चाहिए था, ताकि मदद मिल सके।
क्या उन्होंने मुख्यमंत्री को सलाह दी?
उन्होंने मुख्यमंत्री से ऑल पार्टी मीटिंग बुलाने की अपील की ताकि सभी दल एक साथ मिलकर काम कर सकें।