क्या जेपी नड्डा को देश की स्वास्थ्य व्यवस्था पर ध्यान देना चाहिए?

सारांश
Key Takeaways
- जेपी नड्डा को स्वास्थ्य व्यवस्था को सुधारने के लिए काम करने की आवश्यकता है।
- राहुल गांधी को आगामी प्रधानमंत्री के रूप में समर्थन मिला है।
- भाजपा को सांप्रदायिक ताकतों के खिलाफ एकजुटता दिखाने की आवश्यकता है।
- राजनीति में हिंसा की कोई जगह नहीं होनी चाहिए।
- सुरेंद्र राजपूत ने स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति पर ध्यान देने की अपील की है।
लखनऊ, 20 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस नेता सुरेंद्र राजपूत ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के उस बयान पर प्रतिक्रिया दी है, जिसमें उन्होंने राहुल गांधी के एक वीडियो को लेकर कटाक्ष किया था। नड्डा ने कहा, "खड़ा हूं, आज भी वहीं, जहां मेरा झूठ पकड़ाया, सच सामने आया, और मैंने अपना मजाक बनवाया, खड़ा हूं, आज भी वहीं।"
इसके जवाब में कांग्रेस नेता सुरेंद्र राजपूत ने कहा कि जेपी नड्डा भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं और स्वास्थ्य विभाग उनके अधीन है। उनका कहना है कि राहुल गांधी के वीडियो पर टिप्पणी करने से बेहतर होगा कि वे स्वास्थ्य व्यवस्था को सुधारने में योगदान दें।
सुरेंद्र राजपूत ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में जेपी नड्डा पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा के पास कोई कार्य नहीं है, इसी कारण वे राहुल गांधी के वीडियो पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। उन्होंने सलाह दी कि नड्डा को स्वास्थ्य व्यवस्था पर ध्यान देना चाहिए, विशेषकर यूपी में, जहां मरीजों को स्ट्रेचर और मृतकों को एंबुलेंस नहीं मिल रही है। उन्होंने कहा कि नड्डा को वीडियो देखने के बजाय अपने स्वास्थ्य मंत्रालय की जिम्मेदारियों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
कांग्रेस नेता ने तेजस्वी यादव के राहुल गांधी को आगामी प्रधानमंत्री के रूप में पेश करने वाले बयान का समर्थन किया और कहा कि राहुल गांधी न केवल भविष्य के पीएम हैं, बल्कि वर्तमान में भी जननेता हैं। उन्होंने कहा कि देश के लोग, विशेषकर महिलाएं, किसान, दलित, पिछड़ा और अति-पिछड़ा वर्ग, राहुल गांधी में अपने मुद्दों के समाधान की उम्मीद देखते हैं।
सुरेंद्र राजपूत ने तेजस्वी के बयान का स्वागत करते हुए इंडिया ब्लॉक की एकजुटता पर जोर दिया और कहा कि यह ब्लॉक सांप्रदायिक ताकतों के विरुद्ध लड़ रहा है और राहुल गांधी भविष्य में देश की पहली पसंद होंगे।
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर जनसुनवाई के दौरान हुए हमले की कड़ी निंदा करते हुए उन्होंने कहा कि राजनीति और सभ्य समाज में हिंसा की कोई जगह नहीं होनी चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि भले ही कांग्रेस रेखा गुप्ता की विचारधारा की विरोधी हो, लेकिन हिंसा का समर्थन नहीं किया जाना चाहिए।
उन्होंने महात्मा गांधी की हत्या का उल्लेख करते हुए कहा कि यदि नाथूराम गोडसे ने गांधी की हत्या नहीं की होती, तो राजनीति में हिंसा का स्थान नहीं होता। उन्होंने भाजपा को चेतावनी दी कि हिंसा की चिंगारी खतरनाक होती है और हर रूप में हिंसा की निंदा होनी चाहिए।