क्या सुवेंदु अधिकारी ने पश्चिम बंगाल के विकास के लिए टाटा जैसी बड़ी कंपनियों को लाने की मांग की?

सारांश
Key Takeaways
- पश्चिम बंगाल की औद्योगिक स्थिति चिंताजनक है।
- टाटा जैसी कंपनियों को वापस लाने की आवश्यकता है।
- 15 दिनों का सेवा कार्यक्रम चलाया जाएगा।
- प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना में समस्याएं हैं।
- भाजपा सरकार के आने पर योजना को फिर से शुरू करने का वादा किया गया है।
कोलकाता, 16 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने मंगलवार को कहा कि पश्चिम बंगाल की औद्योगिक स्थिति बहुत ही चिंताजनक हो चुकी है। विश्वकर्मा पूजा के दिन उनकी मुख्य मांग होगी कि बंगाल में फिर से उद्योगों का पुनरुद्धार किया जाए और टाटा जैसी बड़ी कंपनियां राज्य में लौटें।
सुवेंदु अधिकारी ने बताया कि भारतीय जनता पार्टी ने इस अवसर पर 15 दिनों का सेवा कार्यक्रम प्रारंभ किया है, जो 17 सितंबर से 2 अक्टूबर तक चलेगा।
इसमें विभिन्न प्रकार के सामाजिक और जनसेवा से जुड़े कार्य शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि नंदीग्राम क्षेत्र में महिला पंचायत सदस्यों, आशा कार्यकर्ताओं, आईसीडीएस कर्मियों और स्वास्थ्य कर्मियों के साथ सेवा कार्यक्रम की विशेष तैयारी की जा रही है।
उन्होंने आगे कहा कि पश्चिम बंगाल की औद्योगिक स्थिति बहुत ही खराब हो चुकी है। विश्वकर्मा पूजा के दिन उनकी एक ही मांग होगी कि बंगाल में फिर से उद्योगों का पुनरुद्धार किया जाए और टाटा जैसी बड़ी कंपनियां राज्य में वापस आएं।
उन्होंने कहा कि बाबा विश्वकर्मा का आशीर्वाद पूरे देश और विशेष रूप से बंगाल पर बरसे ताकि रोजगार और विकास के नए रास्ते खुलें।
सुवेंदु अधिकारी ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना, जो छोटे कामगारों, कारीगरों, लोहारों और अन्य पारंपरिक व्यवसायों से जुड़े लोगों के लिए शुरू की गई थी, वह बंगाल में ठप पड़ी है। अधिकारी ने कहा कि लगभग 8 लाख आवेदन राज्य में लंबित हैं और योग्य लोगों को योजना का लाभ नहीं मिल रहा है।
सुवेंदु अधिकारी ने दावा किया कि भाजपा की सरकार आने के बाद यह योजना बंगाल में एक हफ्ते के भीतर शुरू की जाएगी। उन्होंने कहा कि यह पार्टी का वादा है और इससे लाखों परिवारों को सीधा लाभ मिलेगा।