क्या सुवेंदु अधिकारी ने आई-पैक और ममता बनर्जी सरकार के बीच गठजोड़ की जांच की मांग की?

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क्या सुवेंदु अधिकारी ने आई-पैक और ममता बनर्जी सरकार के बीच गठजोड़ की जांच की मांग की?

सारांश

भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी ने पश्चिम बंगाल सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए आई-पैक और राज्य प्रशासन के गठजोड़ की जांच की मांग की है। क्या यह मामला लोकतंत्र के लिए खतरा बन गया है?

Key Takeaways

  • सुवेंदु अधिकारी ने पश्चिम बंगाल सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
  • आई-पैक के साथ कथित गठजोड़ की तत्काल जांच की मांग की गई है।
  • ये आरोप लोकतंत्र के लिए खतरा बन सकते हैं।
  • यह मामला राजनीतिक परिदृश्य को प्रभावित कर सकता है।
  • जनता के हक के लिए आवाज उठाने का वादा किया गया है।

कोलकाता, 11 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर पश्चिम बंगाल सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव को पत्र लिखकर पश्चिम बंगाल प्रशासन और आई पैक के बीच कथित गठजोड़ की तत्काल जांच की मांग की है।

उनका दावा है कि 8 अगस्त को उनकी पिछली पोस्ट में बताए गए सबूतों से यह स्पष्ट होता है कि आई-पैक, जो तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के लिए कार्य करने वाली एक निजी परामर्श फर्म है, राज्य सरकार और प्रशासन में घुसपैठ कर चुकी है।

अधिकारी का कहना है कि आई-पैक के लोग पश्चिम बंगाल कांग्रेस के अधिकारियों और आईएएस अधिकारियों को भी निर्देश दे रहे हैं, जो सत्ता के दुरुपयोग का गंभीर मामला है। यह न केवल राजनीति और जनसेवा के सीमाओं को मिटा रहा है, बल्कि राज्य के खजाने को टीएमसी के अभियान के लिए इस्तेमाल करने का खतरा भी पैदा कर रहा है। अधिकारी ने इसे वित्तीय घोटाला और पश्चिम बंगाल के हर नागरिक के साथ विश्वासघात करार दिया है। उनका आरोप है कि यह गठजोड़ लोकतंत्र के लिए खतरा बन गया है।

सुवेंदु अधिकारी ने मंत्री से राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र के जरिए गहन जांच की मांग की है। वे चाहते हैं कि इस जांच में यह पता चले कि क्या आई-पैक ने सरकार के संचार में अनधिकृत रूप से दखल दिया, राज्य के आईटी संसाधनों का गलत इस्तेमाल हुआ, डेटा गोपनीयता और साइबर सुरक्षा नियमों का उल्लंघन हुआ, या सार्वजनिक धन से आई-पैक को अवैध भुगतान किया गया। उनका कहना है कि यह सिर्फ प्रशासनिक समस्या नहीं, बल्कि सिस्टम में फैली गहरी भ्रष्टाचार की जड़ है।

अधिकारी ने वादा किया कि वे इस मुद्दे पर लड़ाई जारी रखेंगे और जनता के हक के लिए आवाज उठाएंगे।

दरअसल, आई-पैक यानी इंडियन पॉलिटिकल एक्शन कमेटी एक ऐसा प्लेटफॉर्म है, जो मूलत: राजनीतिक पार्टियों और नेताओं के लिए रणनीति तैयार करती है। इसके लिए कंपनी के कई विंग यानी विभाग हैं। राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने वर्ष 2013 में अपने तीन साथियों प्रतिभा जैन, ऋषिराज सिंह और विनेश चंदेल के साथ मिलकर सिटीजन फॉर अकाउंटेबल गर्वनेंस बनाया था, जो बाद में आई-पैक में बदल गया।

Point of View

यह महत्वपूर्ण है कि हम इस मुद्दे की गंभीरता को समझें। सुवेंदु अधिकारी के आरोप यदि सत्य हैं, तो यह पश्चिम बंगाल में लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं के लिए एक बड़ा खतरा हो सकता है। हमें इस मामले में निष्पक्षता से जानकारी प्राप्त करनी होगी और सही तथ्यों को सामने लाना होगा।
NationPress
11/08/2025

Frequently Asked Questions

सुवेंदु अधिकारी ने किस विषय पर आरोप लगाया है?
सुवेंदु अधिकारी ने पश्चिम बंगाल सरकार और आई-पैक के बीच कथित गठजोड़ पर आरोप लगाया है।
आई-पैक क्या है?
आई-पैक, यानी इंडियन पॉलिटिकल एक्शन कमेटी, राजनीतिक पार्टियों और नेताओं के लिए रणनीति तैयार करने वाला एक प्लेटफॉर्म है।
इस मामले में जांच की मांग किससे की गई है?
सुवेंदु अधिकारी ने केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव से जांच की मांग की है।