क्या सिंगर स्वाति मिश्रा ने वृंदावन में संतों का आशीर्वाद लिया?
सारांश
Key Takeaways
- स्वाति मिश्रा की वृंदावन यात्रा ने संतों का आशीर्वाद प्राप्त किया।
- धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की सनातन पदयात्रा में भाग लेने का अवसर मिला।
- सामाजिक कार्यों के लिए हिंदू धर्म का प्रचार किया गया।
नई दिल्ली, 15 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। ‘राम आएंगे तो अंगना’ गीत से घर-घर में मशहूर सिंगर स्वाति मिश्रा ने शनिवार को वृंदावन में बाबा बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की सनातन पदयात्रा में भाग लिया। सिंगर ने इस यात्रा का एक वीडियो अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम पर साझा किया है।
वीडियो में स्वाति कान्हा की नगरी वृंदावन में नजर आ रही हैं। उन्होंने धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की सनातन पदयात्रा का हिस्सा बनकर मंच पर साधु संतों के साथ मुलाकात की। इस वीडियो में स्वाति एक हार्ट प्रिंटेड साड़ी में बेहद सुंदर लग रही हैं। उन्होंने लिखा, “मिलते हैं आज शाम वृंदावन में।” इससे पहले भी स्वाति ने एक वीडियो साझा किया, जिसमें उन्होंने बताया कि वह वृंदावन आकर कितनी थक गई हैं।
वीडियो में स्वाति कहती हैं, “मेरे पैरों में बहुत दर्द है और आंखें भी सूजी हैं। हम यहां संतों में शादी के कार्ड वितरण करने आए थे, लेकिन मैं बुरी तरह थक गई हूं। फिर भी मुझे महान संतों से मिलने का मौका मिल रहा है, यह मेरा सौभाग्य है।”
आज बाबा बागेश्वर की सनातन धर्म पदयात्रा वृंदावन में है। शुक्रवार को एक्ट्रेस शिल्पा शेट्टी और अभिनेता राजपाल यादव को भी देखा गया था, जो विशेष रूप से धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री से मिलने पहुंचे थे। उन्होंने मंच से कहा कि वे हिंदू हैं और सनातन धर्म को गर्व से बढ़ावा देंगी। उन्होंने धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के सामाजिक कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि वे गरीब वर्ग के लिए बहुत काम कर रहे हैं, जैसे अन्नपूर्णा योजना, सामूहिक शादियां और वृद्धाश्रम में बुजुर्गों की देखभाल। अब वे कैंसर अस्पताल खोलने की योजना बना रहे हैं।
पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की हिंदू सनातन धर्म की पदयात्रा 7 नवंबर को छत्तरपुर के कात्यायनी मंदिर से शुरू हुई थी और आज यात्रा का नौवां दिन है, जब वे वृंदावन में हैं। इस यात्रा का उद्देश्य हिंदुओं में एकता की भावना पैदा करना और हिंदू धर्म का प्रचार करना है। यह यात्रा दिल्ली और हरियाणा से होकर उत्तर प्रदेश पहुंची है और यही यात्रा का अंतिम पड़ाव है।