क्या अल्बनीज ने नेतन्याहू का पत्र नजरअंदाज किया? ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री पर यहूदी विरोधी हिंसा भड़काने का आरोप
सारांश
Key Takeaways
- ऑस्ट्रेलिया में यहूदियों के खिलाफ बढ़ती हिंसा चिंता का विषय है।
- नेतन्याहू ने अल्बनीज पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
- सरकार को समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए।
- इस घटना से वैश्विक स्तर पर यहूदी समुदाय की सुरक्षा पर सवाल उठे हैं।
नई दिल्ली, 15 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में रविवार को बोंडी बीच पर हुई फायरिंग में मरने वालों की संख्या बढ़कर 16 हो गई है। घटना के गवाहों ने फायरिंग के दौरान का भयावह दृश्य साझा किया। इस बीच, इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ऑस्ट्रेलिया के पीएम एंथनी अल्बनीज पर आरोप लगाया है कि उन्होंने इस फायरिंग को भड़काने में भूमिका निभाई।
नेतन्याहू ने कहा कि उन्होंने ऑस्ट्रेलिया में यहूदियों के खिलाफ होने वाली साजिशों के बारे में चार महीने पहले अल्बनीज को एक पत्र लिखा था।
पीएम नेतन्याहू ने अल्बनीज को चेतावनी देते हुए कहा, "लगभग चार महीने पहले 17 अगस्त को मैंने पीएम अल्बनीज को पत्र भेजा था, जिसमें मैंने बताया था कि ऑस्ट्रेलियाई सरकार की नीतियां यहूदी-विरोधी गतिविधियों को बढ़ावा दे रही हैं। मैंने लिखा था कि फिलिस्तीनी राज्य की मांग यहूदियों के खिलाफ आग में घी डालने का काम कर रही है। यह हामास के आतंक को इनाम देती है।"
ऑस्ट्रेलियाई सरकार को घेरते हुए, इजरायली पीएम ने कहा, "यहूदियों का विरोध एक कैंसर है। यह तब फैलता है जब नेता चुप रहते हैं। यह तब पीछे हटता है जब नेता कार्रवाई करते हैं। मैं आपसे अपील करता हूं कि आप कमजोरी को कार्रवाई से बदलें।"
उन्होंने अल्बनीज पर यहूदियों के विरोध में चल रही गतिविधियों के खिलाफ कोई कार्रवाई न करने का आरोप लगाया और कहा, "आपकी सरकार ने ऑस्ट्रेलिया में यहूदियों के विरोध को रोकने के लिए कुछ नहीं किया।"
नेतन्याहू ने आगे कहा, "हमने एक साहसी व्यक्ति का साहस देखा, जो एक मुस्लिम था, जिसने बेगुनाह यहूदियों को मारने से रोका, लेकिन इसके लिए आपकी सरकार की कार्रवाई की आवश्यकता है।"
उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "इजरायल पश्चिम और अन्य जगहों पर आपकी हर सरकार से यही अपेक्षा करता है। हम अपने लोगों, अपनी सुरक्षा के बारे में चिंतित हैं, और हम चुप नहीं रहेंगे।"
अंत में, नेतन्याहू ने सख्त चेतावनी दी कि यदि दुनिया के किसी कोने में कोई यहूदियों को नुकसान पहुंचाएगा, तो उसे सख्ती से समाप्त किया जाएगा।