क्या ताड़ासन से ब्लड सर्कुलेशन बेहतर हो सकता है और पाचन तंत्र में सुधार हो सकता है?

सारांश
Key Takeaways
- ताड़ासन से रक्त संचार में सुधार होता है।
- यह पाचन तंत्र को मजबूत करता है।
- तनाव को कम करने में मदद करता है।
- मानसिक एकाग्रता बढ़ाने में सहायक है।
- नियमित अभ्यास से मांसपेशियां मजबूत होती हैं।
नई दिल्ली, 19 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। आजकल की भागदौड़ भरी जीवनशैली, कार्य का प्रेशर और अनियमित दिनचर्या अनेक समस्याओं का कारण बन सकते हैं। लेकिन योग पद्धति के पास इन सभी का समाधान है। इनमें से एक महत्वपूर्ण आसन है ताड़ासन, जिसे ‘पर्वत मुद्रा’ या ‘ताड़ के पेड़ की मुद्रा’ के नाम से भी जाना जाता है। यह आसन बेहद प्रभावी है।
ताड़ासन केवल शारीरिक संतुलन और स्थिरता को बढ़ाने में मदद नहीं करता, बल्कि यह मानसिक शक्ति और आत्मविश्वास को भी प्रोत्साहित करता है। भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के अनुसार, “ताड़ासन करने से अनेक फायदे मिलते हैं और यह स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी है।”
आयुष मंत्रालय ताड़ासन के अभ्यास की विधि भी बताता है। इसे करने के लिए सीधे खड़े होकर पैरों को 2 इंच की दूरी पर रखें। उंगलियों को आपस में फंसा लें और कलाई को बाहर की ओर मोड़ें। सांस लेते हुए दोनों बाजुओं को सिर के ऊपर कंधों के समांतर उठाएं। फिर, एड़ियों को जमीन से ऊपर उठाकर पंजों पर संतुलन बनाएं और 10-15 सेकंड तक इस मुद्रा में रहें।
यह आसन रीढ़ की हड्डी को मजबूत करता है, शरीर की पोश्चर को सुधारता है और मांसपेशियों में लचीलापन लाता है। आयुष मंत्रालय के अनुसार, ताड़ासन रक्त संचार को बेहतर बनाता है, जिससे पाचन तंत्र मजबूत होता है। यह तनाव को कम करने और मानसिक एकाग्रता बढ़ाने में भी सहायक है। नियमित अभ्यास से पैरों, पीठ और कंधों की मांसपेशियां मजबूत होती हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि ताड़ासन एक ऐसा योगासन है जो शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है। हालांकि, कुछ सावधानियां बरतना आवश्यक है। लो ब्लड प्रेशर या चक्कर की समस्या वाले लोग पंजों पर संतुलन बनाते समय सतर्क रहें। गर्भवती महिलाएं इसे योग प्रशिक्षक की देखरेख में करें। अधिक समय तक मुद्रा में रहने से पैरों पर दबाव पड़ सकता है, इसलिए अपने शरीर की क्षमता के अनुसार अभ्यास करें।