क्या तमिलनाडु की मुल्लापेरियार नदी ने जलमग्न कर दिए गांवों को?

सारांश
Key Takeaways
- मुल्लापेरियार नदी के उफान से कई गांव जलमग्न हुए हैं।
- स्थानीय प्रशासन राहत कार्यों में जुटा हुआ है।
- किसानों की फसलें बर्बाद हो गई हैं।
- निवासी सुरक्षित स्थानों पर पलायन कर रहे हैं।
- भविष्य में बाढ़ की आशंका बनी हुई है।
चेन्नई, 19 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। तमिलनाडु के थेनी जिले में मूसलाधार बारिश और उफनती मुल्लापेरियार नदी ने कई गांवों को जलमग्न कर दिया है, जिससे व्यापक तबाही और निराशा फैल गई है।
रविवार सुबह नदी के तटबंध टूटने से उथमपलायम, वीरापंडी, उप्पुकोट्टई और पलानीचेट्टीपट्टी के निचले इलाकों में बाढ़ आ गई। जैसे-जैसे जलस्तर बढ़ा, घरों, खेतों और सड़कों पर पानी तेजी से भरने लगा।
स्थानीय निवासियों ने बताया कि बाढ़ के पानी ने कुछ ही घंटों में रिहायशी क्षेत्रों में प्रवेश कर लिया, जिससे कई परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पलायन करना पड़ा। वीरापंडी गौमारीअम्मन मंदिर जाने वाली सड़क पूरी तरह बह गई, जिससे मंदिर और आसपास की बस्तियों से संपर्क टूट गया।
कटाई के लिए तैयार 200 एकड़ से अधिक धान की फसलें पानी में डूब गईं, जबकि केले, नारियल और मक्के की फसलें भी बर्बाद हो गईं। वीरपंडी के किसान आर. रमण ने अपने जलमग्न खेतों को देखकर कहा, "हम अगले हफ्ते कटाई की तैयारी कर रहे थे, लेकिन सब कुछ बर्बाद हो गया।"
निवासियों का कहना है कि बाढ़ के पानी में सांप और जंगली जीव बहकर गांवों में आ गए, जिससे दहशत बढ़ गई। उथमपलायम की निवासी मालती ने कहा, "यह बहुत भयावह है, खासकर बच्चों वाले परिवारों के लिए। हम बिना डरे बाहर भी नहीं निकल सकते।"
पलानीचेट्टीपलायम के पास अंजनेया नगर में कई घर पानी में डूब गए, जिसके बाद अग्निशामक और बचाव सेवा विभाग ने एक बड़ा बचाव अभियान शुरू किया।
बचाव दल ने देर रात तक जेसीबी मशीनों और नावों की मदद से फंसे हुए निवासियों को निकाला। स्थानीय लोगों ने आपदा की गंभीरता के लिए अधिकारियों की तैयारी की कमी को जिम्मेदार ठहराया। एक अन्य निवासी ने कहा, "अगर जल स्तर बढ़ने पर एहतियाती कदम उठाए गए होते, तो आज हमें इतना नुकसान नहीं झेलना पड़ता।"
थेनी जिला प्रशासन के अधिकारियों ने बताया कि राहत और बचाव कार्य पूरे जोरों पर हैं और स्कूलों तथा सार्वजनिक भवनों में अस्थायी आश्रय स्थल बनाए जा रहे हैं। हालांकि, क्षेत्र में भारी बारिश जारी रहने के कारण, आगे भी बाढ़ आने की आशंका बनी हुई है।