क्या तमिलनाडु में 5 अक्टूबर तक बारिश होगी? भूस्खलन से बचने की सलाह

सारांश
Key Takeaways
- तमिलनाडु में 5 अक्टूबर तक बारिश की संभावना है।
- निम्न दबाव का क्षेत्र बंगाल की खाड़ी में विकसित हो रहा है।
- भूस्खलन की आशंका वाले क्षेत्रों में सावधानी बरतें।
- मौसम कार्यालय ने मछुआरों को सतर्क रहने की सलाह दी है।
- स्थानीय प्रशासन को बाढ़ के लिए तैयार रहने को कहा गया है।
चेन्नई, 30 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। तमिलनाडु और अन्य दक्षिणी राज्यों के निवासियों के लिए बारिश से राहत की कोई उम्मीद नहीं है। चेन्नई स्थित क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र (आरएमसी) ने बुधवार को बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक नया निम्न दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना जताई है, जिससे आने वाले दिनों में तमिलनाडु समेत अन्य दक्षिणी राज्यों में बारिश होती रहेगी।
आरएमसी के अधिकारियों के अनुसार, अंडमान सागर के उत्तरी भागों पर एक वायुमंडलीय परिसंचरण बना हुआ है। इसके प्रभाव से 2 अक्टूबर को मध्य बंगाल की खाड़ी और उसके निकट उत्तरी अंडमान सागर पर निम्न दबाव का एक नया क्षेत्र विकसित होने की पूर्वानुमान है। यह प्रणाली आगे जाकर पूरे दक्षिण भारत के मौसम को प्रभावित कर सकती है।
मौसम कार्यालय ने कहा कि तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल क्षेत्रों में भी एक व्यापक वायुमंडलीय परिसंचरण चल रहा है, जिससे कई इलाकों में गरज और तेज हवाओं के साथ हल्की बारिश हो सकती है।
मंगलवार और बुधवार को तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल के कुछ हिस्सों में मध्यम बारिश और कहीं-कहीं बिजली गिरने की संभावना है। राज्य के कुछ क्षेत्रों में 5 अक्टूबर तक मध्यम बारिश जारी रह सकती है।
पिछले 24 घंटों में नीलगिरी जिले में सबसे अधिक बारिश रिकॉर्ड की गई, जहाँ बंदलूर तालुका में 4 सेमी बारिश हुई। इसके अलावा नीलगिरी में एवलांच और चेरुमुली, सेलम में यरकौड और कन्याकुमारी जिले में मुलंगिनाविलाई में 3 सेमी बारिश दर्ज की गई।
अधिकारियों ने कहा कि इस लगातार बारिश ने पहाड़ी क्षेत्रों में मिट्टी की नमी बनाए रखने में मदद की है, लेकिन भूस्खलन की आशंका वाले संवेदनशील क्षेत्रों में सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
आरएमसी ने आगामी दिनों में बंगाल की खाड़ी और अंडमान सागर में तूफानी मौसम की संभावना के कारण मछुआरों और तटीय समुदायों को सावधान रहने की सलाह दी है।
निम्न दबाव के क्षेत्र के गठन के कारण तमिलनाडु के तट और आसपास के जलक्षेत्रों में हवा की गति तेज हो सकती है। मौसम विज्ञानियों ने कहा कि अगले 24-48 घंटों में इस प्रणाली का सटीक मार्ग और तीव्रता स्पष्ट हो जाएगी, लेकिन इसके बनने से उत्तरी तटीय तमिलनाडु और आंतरिक जिलों में और अधिक बारिश हो सकती है। स्थानीय बाढ़ के मद्देनजर जिला प्रशासन को तैयार रहने को कहा गया है।