क्या तमिलनाडु में तिरुपत्तूर जिले में आविन दूध की कीमतों में जीएसटी कटौती का लाभ नहीं मिल रहा?

सारांश
Key Takeaways
- जीएसटी कटौती का लाभ समय पर उपभोक्ताओं तक नहीं पहुँच रहा है।
- आविन दूध की कीमतें घटनी चाहिए थीं लेकिन नहीं घटीं।
- उपभोक्ताओं ने तत्काल कार्रवाई की मांग की है।
तिरुपत्तूर, २४ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्र सरकार द्वारा दूध और डेयरी उत्पादों जैसे आवश्यक वस्तुओं पर जीएसटी दरों में कटौती के लागू होने के तीन दिन बाद भी, तमिलनाडु के राज्य-नियंत्रित डेयरी ब्रांड आविन के दूध की कीमतों में कोई कमी नहीं आई है। इस स्थिति से उपभोक्ताओं में गहरी निराशा उत्पन्न हो रही है।
स्थानीय किसान और उपभोक्ता सेतुरामन ने कहा, "केंद्र सरकार द्वारा जीएसटी को १२ प्रतिशत से घटाकर ५ प्रतिशत करने का निर्णय अनुकरणीय है। इससे दूध, घी, पनीर और अन्य डेयरी उत्पादों की कीमतें सस्ती हो जाएंगी, जो सभी वर्गों के लिए लाभकारी होगा।"
उन्होंने यह भी बताया कि जीएसटी कटौती के बाद आविन के दूध की कीमतें सिद्धांततः कम होनी चाहिए थीं, जैसे १५० मिलीलीटर का पैकेट १२ रुपये से घटकर १० रुपये और आधा लीटर ३४ रुपये से ३० रुपये होना चाहिए। लेकिन वास्तविकता में, दुकानों पर दूध की कीमतें पुरानी स्थिति में ही बनी हुई हैं।
सेतुरामन ने तमिलनाडु सरकार और पशुपालन मंत्री से तत्काल कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा, "सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आवश्यक वस्तुओं की मूल्य में कमी समय पर हो। जीएसटी कटौती का असली महत्त्व तभी है जब इसका लाभ समय पर आम जनता तक पहुंचे।"
तमिलनाडु के अन्य क्षेत्रों से भी उपभोक्ताओं की नाराजगी सामने आ रही है। अम्बत्तुर के एक अन्य उपभोक्ता वेंकटेश ने भी आविन से अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) को घटाने की अपील की है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि दूध की कीमतें कम होती हैं लेकिन अन्य डेयरी उत्पाद महंगे हो जाते हैं, तो यह कटौती का उद्देश्य ही विफल कर देगा।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने ३ सितंबर २०२५ को ५६वीं जीएसटी परिषद की बैठक में दूध और डेयरी उत्पादों पर जीएसटी को १२ प्रतिशत से घटाकर ५ प्रतिशत करने का निर्णय लिया था, जो २२ सितंबर से प्रभावी हो गया। इससे अमूल ने ७०० से अधिक उत्पादों की कीमतें घटाईं, जबकि कर्नाटक की नंदिनी ने घी की प्रति लीटर कीमत ६५० रुपये से घटाकर ६१० रुपये कर दी। मदर डेयरी ने भी यूएचटी दूध, पनीर, घी, मक्खन और चीज पर छूट दी।