क्या तमिलनाडु के पश्चिमी घाट क्षेत्र में बारिश ने बांधों का जलस्तर बढ़ा दिया?

सारांश
Key Takeaways
- पश्चिमी घाट क्षेत्र में भारी बारिश से जलस्तर में वृद्धि हुई है।
- तिरुनेलवेली जिले के बांधों में जलस्तर में तेजी से वृद्धि हो रही है।
- इकोटूरिज्म कार्यक्रम बारिश के कारण स्थगित किए गए हैं।
- मौसम विभाग ने अगले 3 दिनों में अधिक बारिश की चेतावनी दी है।
- स्थानीय निवासियों के लिए यह बारिश संभावित चुनौतियाँ ला सकती है।
तिरुनेलवेली, 16 जून (राष्ट्र प्रेस)। दक्षिण-पश्चिम मानसून के सक्रिय होने के कारण तमिलनाडु के अनेक क्षेत्रों में लगातार बारिश देखने को मिल रही है। विशेषकर पश्चिमी घाट के क्षेत्र में बारिश ने समस्याएँ उत्पन्न कर दी हैं। इससे तिरुनेलवेली जिले के बांधों में जलस्तर में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। पश्चिमी घाट क्षेत्र में हो रही यह बारिश बांधों के जलस्तर को और बढ़ाने की संभावना को जन्म देती है।
जानकारी के अनुसार, पिछले तीन दिनों में पापनासम डैम का जलस्तर 6 फीट बढ़कर 130.20 फीट पर पहुँच गया है। बांध में प्रति सेकंड 5222 क्यूबिक फीट पानी आ रहा है और सिंचाई के लिए प्रति सेकंड 1400 क्यूबिक फीट पानी छोड़ा जा रहा है।
इसी अवधि में सर्वलार डैम का जलस्तर 10 फीट बढ़कर 142.12 फीट हो गया है। मणिमुथर डैम का जलस्तर 94 फीट है, जिसमें 619 क्यूबिक फीट प्रति सेकंड का इनफ्लो और सिंचाई के लिए 75 क्यूबिक फीट प्रति सेकंड का आउटफ्लो हो रहा है।
इसके पहले, बारिश के कारण कोयंबटूर में होने वाला इकोटूरिज्म कार्यक्रम स्थगित करना पड़ा। यह कार्यक्रम हर शनिवार, रविवार और त्यौहारी छुट्टियों पर आयोजित होता है, जिसके लिए पर्यटकों को पहले से बुकिंग करानी पड़ती है।
कोयंबटूर जिले के मेट्टुपलायम में भवनिया नदी पर स्थित पिल्लूर डैम का जलाशय क्षेत्र परालीकाड में 2007 से लगातार इकोटूरिज्म कार्यक्रम आयोजित किया जाता है, जो कि 14 जून को रद्द कर दिया गया। मौसम विभाग ने कोयंबटूर और नीलगिरी जिलों में अगले तीन दिनों तक भारी बारिश की चेतावनी दी है। मौसम का ऑरेंज अलर्ट जारी होने के बाद वन विभाग ने कार्यक्रम रद्द करने का निर्णय लिया।
इकोटूरिज्म का मुख्य आकर्षण डैम के जलाशय में स्थानीय नावों से की जाने वाली यात्रा है, जो जंगल के बीच झील जैसा दृश्य प्रस्तुत करती है। पर्वतीय चोटियों और घने जंगलों के बीच स्थित इस क्षेत्र की प्राकृतिक सुंदरता पर्यटकों को बहुत आकर्षित करती है। हालाँकि, भारी बारिश की संभावना के कारण एहतियातन 14 और 15 जून को इकोटूरिज्म कार्यक्रम को रद्द करने की घोषणा की गई।