क्या तमिलनाडु में भारी बारिश की चेतावनी से जनजीवन प्रभावित होगा?

सारांश
Key Takeaways
- तमिलनाडु में भारी बारिश से जनजीवन प्रभावित हुआ है।
- 12 जिलों में मौसम विभाग ने अलर्ट जारी किया है।
- मछुआरों को समुद्र में जाने से रोका गया है।
- जिला प्रशासन ने स्कूल और कॉलेज बंद करने का निर्णय लिया है।
- जलभराव वाले इलाकों से दूर रहने की सलाह दी गई है।
चेन्नई, 15 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। तमिलनाडु के विभिन्न क्षेत्रों, विशेषकर चेन्नई में, बुधवार को भारी बारिश का सिलसिला जारी रहा। इस लगातार हो रही वर्षा ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है और मौसम विभाग ने राज्य के 12 जिलों में अलर्ट जारी किया है।
चेन्नई स्थित क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र (आरएमसी) ने चेतावनी दी है कि राज्य के पहाड़ी और तटीय इलाकों में तेज़ से बहुत तेज़ बारिश की संभावना है। दक्षिण और पश्चिम के कई जिलों में गरज और तेज़ हवाओं के साथ बारिश की संभावना जताई गई है।
नवीनतम पूर्वानुमान के अनुसार, कोयंबटूर, नीलगिरी, डिंडीगुल, थेनी, विरुधुनगर, मदुरै, शिवगंगा, रामनाथपुरम, थूथुकुडी, तेनकासी, तिरुनेलवेली और कन्याकुमारी सहित कई जिलों में दिन के समय भारी से बहुत भारी बारिश का अनुमान है।
मौसम वैज्ञानिकों ने बताया कि बंगाल की खाड़ी से आने वाली नमी से भरी पूर्वी हवाएं दक्षिण भारत के ऊपर बने वायुमंडलीय दबाव तंत्र से टकरा रही हैं, जिससे बारिश की तीव्रता बढ़ रही है।
चेन्नई में सुबह से शुरू हुई बारिश रुक-रुककर दिनभर जारी रही, जिससे कई स्थानों पर जलभराव हो गया। आसमान आंशिक रूप से बादलों से ढका रहेगा और शाम के समय गर्जन-चमक के साथ मध्यम से तेज वर्षा हो सकती है।
शहर में अधिकतम तापमान लगभग 32 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 26 से 27 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने की संभावना है।
दक्षिण और पश्चिमी जिलों में बारिश की तीव्रता के कारण जिला प्रशासन को स्कूल और कॉलेजों को बंद करने का निर्णय स्थानीय मौसम की स्थिति के आधार पर लेने को कहा गया है। हालांकि, चेन्नई और चेंगलपट्टू में लगातार बारिश के बावजूद शाम तक स्कूल बंद करने की कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई थी।
मौसम विभाग ने मछुआरों को समुद्र में न जाने की चेतावनी दी है। मन्नार की खाड़ी, कुमारी सागर, केरल तट, दक्षिण-पूर्व अरब सागर और लक्षद्वीप-मालदीव क्षेत्र में 35 से 45 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने और कभी-कभी 55 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंचने की संभावना है।
इन क्षेत्रों में समुद्र में ऊंची लहरें उठ सकती हैं, इसलिए मछुआरों को तट पर ही रहने की सलाह दी गई है।
प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे सतर्क रहें, जलभराव वाले इलाकों से दूर रहें और स्थानीय प्रशासन तथा आपदा प्रबंधन टीमों की सलाह का पालन करें।