क्या आम आदमी पार्टी और कांग्रेस पंजाब को खोखला कर रही हैं? तरुण चुघ का आरोप
सारांश
Key Takeaways
- तरुण चुघ का आरोप है कि आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने पंजाब के विकास को बाधित किया है।
- नवजोत कौर सिद्धू का बयान कांग्रेस में पदों की नीलामी की ओर इशारा करता है।
- पंजाब को जिम्मेदार और संवेदनशील राजनीति की आवश्यकता है।
- राजनीतिक सौदों का पर्दाफाश लोकतंत्र के लिए गंभीर संकट है।
- ममता बनर्जी के नेतृत्व में बंगाल की राजनीति पर भी सवाल उठाए गए हैं।
नई दिल्ली, 8 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ ने आरोप लगाया है कि आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने अपने स्वार्थ के लिए पंजाब को खोखला कर दिया है। पंजाब में विकास कार्य ठप हो गए हैं। चुघ ने कहा कि पंजाब की जनता सही समय पर इन दोनों पार्टियों को उचित जवाब देगी।
चुघ का यह बयान तब आया जब नवजोत कौर सिद्धू ने कहा कि कांग्रेस में मुख्यमंत्री का पद 500 करोड़ रुपए में खरीदा जा सकता है।
राष्ट्र प्रेस से बातचीत में तरुण चुघ ने कहा कि कांग्रेस की स्टार प्रचारक, पंजाब की पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी, जो स्वयं विधायक रह चुकी हैं, ने यह खुलासा किया है कि कांग्रेस में मुख्यमंत्री का पद 500 करोड़ रुपए में खरीदा जा सकता है। इससे स्पष्ट होता है कि नेहरू-गांधी परिवार, यानी सोनिया गांधी और राहुल गांधी के नेतृत्व वाली पूरी कांग्रेस पार्टी संवैधानिक और लोकतांत्रिक पदों की नीलामी कर रही है।
चुघ ने कहा कि पंजाब में पांच नेताओं ने मुख्यमंत्री बनने के लिए अटैची में 500-500 करोड़ रुपए रखे थे। इससे पदों की नीलामी और किस्तों में होने वाली राजनीतिक सौदों का पर्दाफाश हुआ है, जो लोकतंत्र के लिए एक गंभीर संकट है। यह राजनीति का अब तक का सबसे निचला स्तर है। पंजाब को जिम्मेदार राजनीति की जरूरत है, न कि आपदा की। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने राज्य को बोली का बाजार बना दिया है। पंजाब का विकास रुक गया है, अमन-चैन समाप्त हो गया है।
पश्चिम बंगाल में ‘बाबरी मस्जिद’ की नींव रखे जाने पर तरुण चुघ ने कहा कि क्रूरता की प्रतीक ममता बनर्जी को बताना चाहिए कि उनके नेतृत्व में तृणमूल कांग्रेस के विधायक हुमांयू कबीर, बाबर के नाम पर मस्जिदें कैसे बना रहे हैं? बाबर एक क्रूर विदेशी आक्रमणकारी था, जिसने सैकड़ों मंदिर तोड़े और लाखों हिंदुओं का नरसंहार किया। यह देश भगवान श्रीराम की विचारधारा पर चलेगा, न कि विदेशी आक्रमणकारियों और लुटेरों के रास्ते पर। ममता बनर्जी बंगाल को खतरे में डाल रही हैं, लेकिन बंगाल की जनता 2026 में इसका उचित जवाब देगी।