क्या टाटा एडवांस्ड सिस्टम ने नौसेना के लिए भारत का पहला नेवल 3डी एयर सर्विलांस रडार बनाया?

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क्या टाटा एडवांस्ड सिस्टम ने नौसेना के लिए भारत का पहला नेवल 3डी एयर सर्विलांस रडार बनाया?

सारांश

टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स ने भारतीय नौसेना के लिए दुनिया का सबसे उन्नत नेवल 3डी एयर सर्विलांस रडार विकसित किया है। यह उपलब्धि भारत की रक्षा आत्मनिर्भरता को मजबूत करेगी। जानिए इस तकनीक के बारे में और कैसे यह भारत को सुरक्षा में नई ऊंचाइयों पर ले जा सकती है।

Key Takeaways

  • टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स ने भारत का पहला नेवल 3डी एयर सर्विलांस रडार विकसित किया।
  • यह रडार भारतीय नौसेना के लिए अत्याधुनिक तकनीक है।
  • इंद्रा से तकनीकी सहयोग ने भारत की रक्षा क्षमताओं को बढ़ाया है।
  • यह रडार सभी प्रकार के हवाई और सतही लक्ष्यों पर निगरानी कर सकता है।
  • रक्षा आत्मनिर्भरता में यह एक महत्वपूर्ण कदम है।

नई दिल्ली, 11 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (टीएएसएल) ने गुरुवार को यह घोषणा की कि वह स्पेन की इंद्रा से टेक्नोलॉजी ट्रांसफर के तहत भारत का पहला एडवांस्ड नेवल 3डी एयर सर्विलांस रडार बनाने वाली पहली भारतीय कंपनी बन गई है।

टीएएसएल ने बताया कि उसने इटली की एक कंपनी के साथ मिलकर भारतीय नौसेना के युद्धपोत पर पहले लांजा-एन रडार को सफलतापूर्वक तैनात कर दिया है।

लांजा-एन, इंद्रा के लंबी दूरी के 3डी रडार का समुद्री संस्करण है, जिसे वायु रक्षा और मिसाइल रोधी अभियानों के लिए दुनिया में सबसे उन्नत माना जाता है।

पहले राडार की स्थापना के बाद, अधिक राडार भारतीय नौसेना के फ्रिगेट, डिस्ट्रॉयर और विमान वाहक पोतों पर लगाए जाएंगे।

इस रडार की स्थापना को भारत के रक्षा आत्मनिर्भरता अभियान में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

यह प्रणाली स्थानीय स्तर पर असेंबल और एकीकृत की गई है। टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स ने उत्पादन और भविष्य की डिलीवरी में तेजी लाने के लिए कर्नाटक में एक विशेष रडार असेंबली, एकीकरण और परीक्षण सुविधा स्थापित की है।

इस रडार को शामिल करने से पहले व्यापक समुद्री परीक्षण किए गए हैं, जहां इसकी क्षमता का परीक्षण करने के लिए विभिन्न नौसैनिक और हवाई प्लेटफार्मों का उपयोग किया गया। अब इसे भारतीय नौसेना के युद्धपोत पर मौजूद सभी सिस्टम्स के साथ पूरी तरह से एकीकृत किया गया है।

इस उपलब्धि के बारे में बात करते हुए, टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स के सीईओ और एमडी, सुकरण सिंह ने कहा कि इंद्रा के साथ साझेदारी भारत में रडार निर्माण को मजबूत करने की साझा प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

उन्होंने आगे कहा कि स्थानीय विशेषज्ञता, एक मजबूत आपूर्ति श्रृंखला और टेक्नोलॉजी ट्रांसफर, एडवांस डिफेंस सिस्टम्स के लिए एक इकोसिस्टम बनाने में मदद कर रहे हैं।

इंद्रा की नेवल बिजनेस यूनिट की प्रमुख, एना बुएंडिया ने कहा कि टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स के साथ सहयोग केवल रडार की आपूर्ति तक सीमित नहीं है।

उन्होंने कहा, "हमने मिलकर बेंगलुरु में एक रडार फैक्टरी स्थापित की है, जो हमें प्रणालियों का अधिक कुशलता से उत्पादन करने और ग्राहकों को नजदीकी सेवा प्रदान करने के लिए स्थानीय समर्थन प्रदान करती है।"

लांजा-एन रडार मित्र और शत्रु दोनों प्रकार के हवाई और सतही लक्ष्यों पर नजर रख सकता है, जिनमें ड्रोन, सुपरसोनिक लड़ाकू विमान, विकिरण-रोधी मिसाइलें और नौसैनिक प्लेटफॉर्म शामिल हैं।

यह पहली बार है जब लांजा-एन प्रणाली को स्पेन के बाहर तैनात किया गया है, जिससे भारत इंद्रा के होम बेस से परे इसे संचालित करने वाला पहला देश बन गया है।

Point of View

बल्कि भारत को वैश्विक रक्षा बाजार में एक प्रमुख खिलाड़ी भी बनाता है।
NationPress
11/09/2025

Frequently Asked Questions

लांजा-एन रडार क्या है?
लांजा-एन रडार, इंद्रा के लंबी दूरी के 3डी रडार का समुद्री संस्करण है, जो वायु रक्षा और मिसाइल रोधी अभियानों के लिए अत्याधुनिक माना जाता है।
यह रडार भारतीय नौसेना के लिए क्यों महत्वपूर्ण है?
यह रडार भारत की रक्षा आत्मनिर्भरता को मजबूत करता है और नौसेना को हवाई और सतही लक्ष्यों पर निगरानी करने की बेहतर क्षमता प्रदान करता है।
कहाँ पर यह रडार स्थापित किया गया है?
यह रडार भारतीय नौसेना के युद्धपोतों पर स्थापित किया गया है।
क्या इस रडार का निर्माण भारत में हुआ है?
हाँ, यह रडार भारत में स्थानीय स्तर पर असेंबल और एकीकृत किया गया है।
टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स का क्या योगदान है?
टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स ने इंद्रा के साथ मिलकर यह रडार विकसित किया है, जो भारत में रडार निर्माण को मजबूत करता है।