क्या 2025 में भारत ने स्वच्छ ऊर्जा में सोलर से लेकर ईवी में कीर्तिमान स्थापित किया?
सारांश
Key Takeaways
- स्वच्छ ऊर्जा का योगदान 50 प्रतिशत तक बढ़ा है।
- ईवी की बिक्री 20 लाख यूनिट्स के पार पहुँची।
- ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन मुख्यधारा में आ रहा है।
- भारत ने 50 गीगावाट रिन्यूएबल एनर्जी क्षमता जोड़ी।
- विंड एनर्जी में भी महत्वपूर्ण वृद्धि हुई है।
नई दिल्ली, 23 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। स्वच्छ ऊर्जा या रिन्यूएबल एनर्जी के क्षेत्र में 2025 एक महत्वपूर्ण वर्ष रहा है। इस वर्ष, देश के कुल एनर्जी मिक्स में स्वच्छ ऊर्जा की हिस्सेदारी 50 प्रतिशत तक पहुँच गई है। इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) की बिक्री भी 20 लाख यूनिट्स से अधिक हो गई है। इसके साथ ही, ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन भी धीरे-धीरे मुख्यधारा में आ रहा है।
2025 में, भारत ने गैर-जीवाश्म ईंधन के उपयोग को बढ़ावा देने में सफलता प्राप्त की है। देश में कुल 510 गीगावाट की एनर्जी क्षमता में से 262 गीगावाट गैर-जीवाश्म ईंधन से संचालित है, जिसमें 254 गीगावाट रिन्यूएबल एनर्जी शामिल है। जीवाश्म ईंधन से संचालित क्षमता 247 गीगावाट है।
यह दर्शाता है कि देश के एनर्जी मिक्स में रिन्यूएबल एनर्जी की हिस्सेदारी 50 प्रतिशत से अधिक हो गई है।
इस वर्ष, भारत ने लगभग 50 गीगावाट रिन्यूएबल एनर्जी क्षमता जोड़ी है, जिसमें सोलर एनर्जी की हिस्सेदारी लगभग 35 गीगावाट है।
सोलर के साथ-साथ, विंड एनर्जी का भी रिन्यूएबल एनर्जी में तेज़ी से योगदान बढ़ रहा है। मार्च 2025 में, देश ने विंड एनर्जी में 50 गीगावाट से अधिक का माइलस्टोन हासिल किया, जो कि रिन्यूएबल एनर्जी के विकास को दर्शाता है। इस वर्ष, भारत ने लगभग 4-5 गीगावाट विंड एनर्जी क्षमता जोड़ी है।
बात करें ग्रीन हाइड्रोजन की, तो यह धीरे-धीरे मुख्यधारा में आ रहा है। 2025 के जून में, अदाणी न्यू इंडस्ट्रीज लिमिटेड (एएनआईएल) ने गुजरात के कच्छ में भारत का पहला ऑफ-ग्रिड 5 मेगावाट ग्रीन हाइड्रोजन पायलट प्लांट चालू किया है। यह प्रोजेक्ट देश की स्वच्छ ऊर्जा दिशा में एक बड़ा कदम है।
यह अत्याधुनिक प्लांट 100 प्रतिशत सौर ऊर्जा से संचालित है और बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम (बीईएसएस) से जुड़ा हुआ है, जिससे यह पूरी तरह से ऑफ-ग्रिड कार्य करता है। यह विकेन्द्रीकृत और अक्षय ऊर्जा पर आधारित हाइड्रोजन उत्पादन का एक नया मॉडल प्रस्तुत करता है।
इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री भी तेजी से बढ़ रही है। फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (फाडा) के आंकड़ों के अनुसार, इस वर्ष जनवरी से नवंबर के बीच, देश में 20 लाख यूनिट्स से अधिक इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री हुई है। इस अवधि में इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री में 77.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जबकि दोपहिया वाहनों की बिक्री में 9 प्रतिशत का इजाफा हुआ है।
इस वर्ष के पहले 11 महीनों में 160,894 इलेक्ट्रिक वाहनों का पंजीकरण हुआ, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि में 90,598 गाड़ियों की तुलना में काफी अधिक है।