क्या टाटानगर-एर्नाकुलम एक्सप्रेस में आग लगने का कारण लिनन स्टोरेज था? एक यात्री की हुई मौत

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क्या टाटानगर-एर्नाकुलम एक्सप्रेस में आग लगने का कारण लिनन स्टोरेज था? एक यात्री की हुई मौत

सारांश

टाटानगर-एर्नाकुलम एक्सप्रेस में आग लगने की घटना ने एक यात्री की जान ले ली। प्रारंभिक जांच में यह पता चला है कि आग लिनन स्टोरेज से शुरू हुई थी। इस घटना के बाद रेलवे सुरक्षा आयुक्त ने जांच का आदेश दिया है। जानिए पूरी घटना की जानकारी और स्थानीय प्रशासन की कार्रवाई के बारे में।

Key Takeaways

  • लिनन स्टोरेज में आग लगने से एक यात्री की जान चली गई।
  • दक्षिण मध्य रेलवे ने त्वरित कार्रवाई की।
  • मुख्यमंत्री ने फायर डिपार्टमेंट की सराहना की।
  • सभी फंसे यात्रियों को सुरक्षित निकाला गया।
  • रेलवे सुरक्षा आयुक्त ने जांच का आदेश दिया।

विशाखापत्तनम, 29 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। रेलवे अधिकारियों की प्रारंभिक जांच में पता चला है कि टाटानगर-एर्नाकुलम एक्सप्रेस में आग लिनन स्टोरेज से शुरू हुई थी।

सोमवार तड़के अनाकापल्ली जिले के येलामंचिली में ट्रेन के दो कोच में आग लगने के कारण एक यात्री की जान चली गई।

जांच से यह भी स्पष्ट हुआ है कि आग कोच के इलेक्ट्रिकल पैनल के पास नहीं लगी थी, जैसा कि अक्सर होता है। दक्षिण मध्य रेलवे ने बताया कि यह आग लिनन स्टोरेज की दिशा में लगी थी।

रेलवे सुरक्षा आयुक्त, दक्षिण मध्य सर्कल, इस घटना की विस्तृत जांच करेंगे।

एक्सप्रेस ट्रेन के एक कोच में लगी आग दूसरे कोच में फैल गई।

कोचों को तुरंत अलग किया गया और उन्हें शंटिंग लोको द्वारा दूर खींचा गया।

सभी यात्री ट्रेन से उतर गए, लेकिन 70 वर्षीय एक यात्री, चंद्रशेखर सुंदर, समय पर नहीं उतर पाए और आग लगने के कारण उनकी मृत्यु हो गई।

दक्षिण मध्य रेलवे ने कहा है कि मृतक के परिवार को मुआवजा दिया जाएगा।

ट्रेन नंबर 18189 टाटानगर-एर्नाकुलम एक्सप्रेस, जब येलामंचिली रेलवे स्टेशन पहुंची, तब लगभग 00:45 बजे आग लगने की सूचना मिली।

बताया गया कि बी1 और एम2 कोच में आग लगी थी। रेलवे स्टाफ ने तत्परता से कार्रवाई की और फायर ब्रिगेड को तुरंत सूचित किया। रेलवे अधिकारियों ने भी तेजी से यात्रियों को ट्रेन से नीचे उतारने में सहायता की। फायर ब्रिगेड मौके पर पहुंची और आग बुझाने का कार्य किया।

जब आग लगी, तब बी-1 कोच में 82 और एम-2 कोच में 75 यात्री मौजूद थे।

रेलवे अधिकारियों ने कहा कि प्रभावित कोचों को अलग कर दिया गया और एहतियात के तौर पर एक और एसी 3 टियर कोच (एम1) को भी अलग किया गया।

बची हुई ट्रेन को समलकोट रेलवे स्टेशन ले जाया गया। प्रभावित ट्रेन तीन अतिरिक्त कोचों के साथ सुबह 10:45 बजे अपने गंतव्य के लिए रवाना हुई।

येलामंचिली से सभी फंसे हुए यात्रियों को सड़क मार्ग से समलकोट रेलवे स्टेशन ले जाया गया और उन्हें ट्रेन के अतिरिक्त कोचों में बिठाया गया।

इस बीच, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने येलामंचिली पुलिस और फायर डिपार्टमेंट की त्वरित और समन्वित कार्रवाई की सराहना की, जिससे टाटानगर-एर्नाकुलम एक्सप्रेस के कोचों में आग लगने के बाद 150 से अधिक यात्रियों को सुरक्षित निकाला जा सका।

उन्होंने कहा, 'मैं आरपीएफ और रेलवे स्टाफ की त्वरित कार्रवाई की भी प्रशंसा करता हूं, जिन्होंने तुरंत आगे और पीछे के डिब्बों को अलग कर दिया, जिससे और अधिक नुकसान होने से बच गया। उनकी पेशेवरता, समय पर मदद और प्रभावी भीड़ प्रबंधन ने यह सुनिश्चित किया कि स्थिति को सुरक्षित और आसानी से संभाला जाए। दुर्भाग्यवश, इस घटना में एक जान चली गई है। मैं शोक संतप्त परिवार के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं।'

Point of View

जिसमें एक यात्री की जान गई है। रेलवे अधिकारियों को इस प्रकार की सुरक्षा खामियों को दूर करने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। हम सभी को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि यात्रियों की सुरक्षा सर्वोपरि हो। इस घटना से हमें यह सीखने की आवश्यकता है कि आपातकालीन स्थितियों में त्वरित और प्रभावी प्रतिक्रिया कितनी महत्वपूर्ण होती है।
NationPress
29/12/2025

Frequently Asked Questions

टाटानगर-एर्नाकुलम एक्सप्रेस में आग कैसे लगी?
आग लिनन स्टोरेज से शुरू हुई थी, जैसा कि प्रारंभिक जांच में सामने आया है।
इस घटना में कितने यात्री प्रभावित हुए?
बी-1 कोच में 82 और एम-2 कोच में 75 यात्री थे।
क्या मृतक के परिवार को मुआवजा मिलेगा?
हाँ, दक्षिण मध्य रेलवे ने कहा है कि मृतक के परिवार को मुआवजा दिया जाएगा।
रेलवे अधिकारियों ने आग बुझाने के लिए क्या कदम उठाए?
रेलवे स्टाफ ने तुरंत फायर ब्रिगेड को सूचित किया और यात्रियों को ट्रेन से नीचे उतारने में मदद की।
मुख्यमंत्री ने इस घटना पर क्या प्रतिक्रिया दी?
मुख्यमंत्री ने येलामंचिली पुलिस और फायर डिपार्टमेंट की त्वरित कार्रवाई की प्रशंसा की।
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