क्या तेजस मार्क-1ए के लिए मिला इंजन, वायुसेना को मिलेंगे नए फाइटर जेट?

Click to start listening
क्या तेजस मार्क-1ए के लिए मिला इंजन, वायुसेना को मिलेंगे नए फाइटर जेट?

सारांश

भारतीय फाइटर जेट तेजस मार्क-1ए के लिए अमेरिका से जेट इंजन की सप्लाई शुरू हो गई है। 83 नए लड़ाकू विमानों की डिमांड को पूरा करने के लिए एचएएल को 12 जीई-404 इंजन मिलेंगे। जानें इसके महत्व और वायुसेना में इससे होने वाले बदलाव के बारे में।

Key Takeaways

  • तेजस मार्क-1ए के निर्माण में तेजी आएगी।
  • अमेरिका से जेट इंजन की सप्लाई शुरू हुई है।
  • 83 नए लड़ाकू विमानों का ऑर्डर दिया गया है।
  • एचएएल को इस वित्त वर्ष में कुल 12 जीई-404 इंजन मिलेंगे।
  • स्वदेशी लड़ाकू विमानों की आपूर्ति में देरी को खत्म करने की कोशिश की जा रही है।

नई दिल्ली, 15 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय फाइटर जेट तेजस मार्क-1ए के निर्माण में अब तेज़ी आएगी। इस लड़ाकू विमान के लिए अमेरिकी कंपनी ने भारत को जेट इंजन की सप्लाई शुरू कर दी है। स्वदेशी हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) तेजस मार्क-1ए के लिए सोमवार को भारत को जीई-404 इंजन प्राप्त हुआ।

रक्षा अधिकारियों के मुताबिक यह अमेरिकी कंपनी से मिला दूसरा जेट इंजन है। सार्वजनिक क्षेत्र की भारतीय विमानन कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) तेजस का निर्माण कर रही है। जानकारी के अनुसार एचएएल को इस वित्त वर्ष के अंत तक कुल 12 जीई-404 इंजन मिलने हैं। ये सभी इंजन भारतीय लड़ाकू विमान तेजस मार्क-1ए में लगाए जाएंगे।

गौरतलब है कि भारतीय वायुसेना ने अपनी फ्लीट के लिए 83 एलसीए मार्क-1ए लड़ाकू विमानों का ऑर्डर दिया है। दरअसल, भारतीय वायुसेना को नए लड़ाकू विमानों की आवश्यकता है। इसके लिए वायुसेना ने स्वदेशी लड़ाकू का विकल्प चुना है। इन लड़ाकू विमानों की आपूर्ति में देरी को लेकर वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह विभिन्न मौकों पर अपनी बात रख चुके हैं। उन्होंने एलसीए मार्क-1ए की लड़ाकू विमानों की आपूर्ति में हो रही देरी को स्वीकार किया और इसको लेकर चिंता व्यक्त की थी। माना जा रहा है कि अब वायुसेना को जल्द नए विमानों की आपूर्ति की जा सकेगी।

गौरतलब है कि ये स्वदेशी लड़ाकू विमान आत्मनिर्भर भारत के तहत भारत में ही बनाए जा रहे हैं। इन विमानों का निर्माण हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के द्वारा किया जा रहा है। एचएएल ने एलसीए मार्क-1ए लड़ाकू विमानों की आपूर्ति में हो रही देरी को लेकर कहा था कि वे एयरफोर्स की चिंताओं से वाकिफ हैं। एचएएल को इंजन का इंतजार था। अब अमेरिका से इंजन मिलना शुरू हो गया है। इस साल (2025-26) में कुल एक दर्जन एविएशन इंजन मिल जाएंगे। इस प्रकार वायुसेना को एलसीए मार्क-1ए की सप्लाई जल्द शुरू हो जाएगी। भारतीय वायुसेना ने 83 तेजस एमके-1ए का ऑर्डर एचएएल को दिया है।

एचएएल का कहना है कि विदेश से इंजन न मिलने के कारण इन विमानों की आपूर्ति में देरी हुई। ऐसे समय में जब भारतीय वायुसेना की स्क्वाड्रन तेजी से कम हो रही हैं, तो अब एलसीए के मार्क-1ए वर्जन की सप्लाई से स्थिति बेहतर हो सकती है। इससे वायुसेना की क्षमता पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

दरअसल, रक्षा मंत्रालय स्वदेशी एलसीए प्रोजेक्ट को वायुसेना की मुख्य ताकत बनाने में जुटा है। यानी वायु सेना के लिए ज्यादा से ज्यादा एलसीए की स्क्वाड्रन उपलब्ध कराई जाएंगी। फिलहाल, वायुसेना के पास दो एलसीए-तेजस (मार्क-1) की स्क्वाड्रन हैं जिन्हें तमिलनाडु के सुलूर एयरबेस पर तैनात किया गया है। केंद्र सरकार ने मार्क-1ए के कुल 83 विमानों की मंजूरी दी है। इसके अलावा 97 अतिरिक्त विमानों के लिए योजना बनाई गई है। कुल 220 एलसीए विमान, वायुसेना के मिग-21, मिग-29 और मिराज की जगह लेंगे, जो अब पुराने हो चुके हैं। इसके साथ ही सरकार ने एलसीए के मार्क-2 वर्जन यानी मीडियम वेट फाइटर एयरक्राफ्ट के लिए भी मंजूरी दी है।

Point of View

बल्कि यह आत्मनिर्भरता की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम है। स्वदेशी तकनीक का उपयोग किया जा रहा है, जिससे देश की सुरक्षा में मजबूती आएगी।
NationPress
23/07/2025

Frequently Asked Questions

तेजस मार्क-1ए के लिए इंजन की सप्लाई कब शुरू हुई?
तेजस मार्क-1ए के लिए जेट इंजन की सप्लाई सोमवार को शुरू हुई।
एचएएल को कितने इंजन मिलेंगे?
एचएएल को इस वित्त वर्ष के अंत तक कुल 12 जीई-404 इंजन मिलेंगे।
भारतीय वायुसेना ने तेजस मार्क-1ए के लिए कितने विमानों का ऑर्डर दिया है?
भारतीय वायुसेना ने 83 एलसीए मार्क-1ए लड़ाकू विमानों का ऑर्डर दिया है।
एलसीए प्रोजेक्ट का महत्व क्या है?
एलसीए प्रोजेक्ट देश की रक्षा क्षमता को बढ़ाने और आत्मनिर्भरता की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
तेजस मार्क-1ए की सप्लाई में देरी का कारण क्या था?
तेजस मार्क-1ए की सप्लाई में देरी का कारण विदेश से इंजन न मिलना था।