क्या तेजस्वी के 'वक्फ कानून कूड़ेदान में फेंक देंगे' वाले बयान पर भाजपा-जदयू का पलटवार?
सारांश
Key Takeaways
- तेजस्वी यादव का वक्फ कानून पर विवादास्पद बयान
- जदयू और भाजपा की कड़ी प्रतिक्रिया
- वक्फ संशोधन कानून का पारित होना
- राजनीतिक बयानबाजी का समाज पर प्रभाव
- नीतीश कुमार का वक्फ संपत्ति का विकास
पटना, 27 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव ने महागठबंधन की सरकार बनने के बाद वक्फ कानून को कूड़ेदान में फेंकने का जो बयान दिया, उस पर जदयू और भाजपा ने तीखा पलटवार किया।
बिहार जदयू के प्रवक्ता नीरज कुमार ने विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव के बयान को लेकर आश्चर्य जताते हुए उन्हें संविधान की एक कॉपी देने की सलाह दी।
नीरज कुमार ने कहा कि वक्फ संशोधन कानून संसद से पारित हो चुका है और सुप्रीम कोर्ट ने इस पर मुहर भी लगाई है। क्या राज्य सरकार को ऐसा अधिकार है?
उन्होंने तेजस्वी यादव पर आरोप लगाते हुए कहा कि जब वक्फ की संपत्ति को लूटा जा रहा था और लालू यादव मौन थे, तब उन्हें इस अपराध को कबूल करना चाहिए। पटना का अंजुमन इस्लामिया हॉल खंडहर बन गया था, लेकिन नीतीश कुमार ने उसे शीशमहल बना दिया। यदि वक्फ की संपत्ति का विकास देखना है, तो पटना में कई इमारतें बनाई गई हैं।
इधर, बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने तेजस्वी यादव के वक्फ बिल फाड़ने की घोषणा पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि यह घोषणा तेजस्वी यादव के अमर्यादित और असंसदीय आचरण को दर्शाती है।
सिन्हा ने आगे कहा कि राजद और कांग्रेस के तुष्टिकरण और जंगलराज के दौर में तेजस्वी यादव का लालन-पालन हुआ है। इसलिए उनसे लोकतांत्रिक परिपाटी की उम्मीद करना बेमानी है। पूरा देश जानता है कि वक्फ संशोधन बिल एक बहुप्रतीक्षित मांग थी और इसे संसद द्वारा पारित किया गया है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एनडीए सरकार का सिद्धांत है कि वोट बैंक के लिए कोई कानून नहीं लाए जाएंगे। कानून न्याय और लोगों के कल्याण के लिए होते हैं, न कि तुष्टिकरण के लिए। वक्फ संशोधन बिल में धार्मिक स्वतंत्रता में कोई हस्तक्षेप नहीं किया गया है।