क्या तेजस्वी के पास दो एपिक नंबर हैं? भाजपा ने चुनाव आयोग से मुकदमा दर्ज करने की मांग की

सारांश
Key Takeaways
- तेजस्वी यादव के पास दो एपिक नंबर होने का विवाद।
- एनडीए का चुनाव आयोग से कार्रवाई का अनुरोध।
- भाजपा के नेता अजय आलोक के बयान।
- जेडीयू के नीरज कुमार के आरोप।
- राजनीति में उठे नए सवाल।
पटना, 3 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। बिहार में सत्तारूढ़ एनडीए गठबंधन ने तेजस्वी यादव के खिलाफ 'ईपीआईसी' विवाद को लेकर एफआईआर दर्ज करने की मांग उठाई है। एनडीए के नेताओं ने आरोप लगाया है कि तेजस्वी यादव के पास दो एपिक (ईपीआईसी) नंबर हैं, जो कि एक गंभीर अपराध है। उन्होंने चुनाव आयोग से अनुरोध किया कि तेजस्वी यादव के खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जाए।
रविवार को पटना में एनडीए गठबंधन के भाजपा, जेडीयू और लोजपा (रामविलास) के नेताओं की एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई, जिसमें अजय आलोक और नीरज कुमार जैसे नेता शामिल थे। भाजपा के नेता अजय आलोक ने कहा कि कोई भी व्यक्ति दो वोटर आईडी कार्ड नहीं रख सकता। यदि कोई ऐसा करता है, तो उसे जेल जाने का खतरा होता है।
अजय आलोक ने आगे कहा, "तेजस्वी यादव ने शनिवार को एक विवाद उत्पन्न करने का प्रयास किया। उन्होंने दावा किया कि उनका नाम वोटर्स लिस्ट में नहीं है, लेकिन चुनाव आयोग ने पुष्टि की कि उनका नाम सूची में है। चुनाव आयोग ने तेजस्वी यादव को एक एपिक नंबर प्रदान किया, लेकिन उनके पास एक अलग एपिक नंबर है, जो एक गंभीर मामला है।"
भाजपा के नेता ने चुनाव आयोग से मांग की कि तेजस्वी यादव के दो एपिक नंबर रखने पर तुरंत कार्रवाई की जानी चाहिए। पूरे लालू परिवार के वोटर आईडी कार्ड की भी जांच होनी चाहिए।
जेडीयू के नेता नीरज कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि तेजस्वी यादव 420 के आरोपी हैं और उनके खिलाफ 7 घोटाले दर्ज हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि अब उन्होंने नया घोटाला एपिक (ईपीआईसी) के रूप में किया है। तेजस्वी यादव के पास दो एपिक नंबर हैं, और दोनों का पता भिन्न है, जो कि एक गंभीर अपराध है।
इस दौरान नीरज कुमार ने विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को 'अज्ञानी' कहा। उन्होंने कहा, "वह दो एपिक नंबर रखते हैं और दो अलग-अलग पते हैं। जब वह अपनी पहचान को दोहराना चाहते हैं, तो यह एक जघन्य अपराध है। चुनाव आयोग को इस दोहरे चरित्र वाले व्यक्ति पर मुकदमा दर्ज करना चाहिए।"