क्या नीतीश कुमार असफल मुख्यमंत्री की छवि से बच सकते हैं?

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क्या नीतीश कुमार असफल मुख्यमंत्री की छवि से बच सकते हैं?

सारांश

तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार पर कानून व्यवस्था को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि बिहार को योग्यता और ईमानदारी के आधार पर चलाना चाहिए। अगर यह सोच नहीं बदली, तो इतिहास आपको असफल शासक के रूप में याद करेगा। जानें तेजस्वी के आरोप और बिहार की स्थिति के बारे में।

Key Takeaways

  • बिहार की कानून व्यवस्था में गंभीर समस्याएं हैं।
  • तेजस्वी यादव ने नीतीश पर सियासी हमला किया।
  • भ्रष्टाचार का स्थायी ढांचा स्थापित हो चुका है।
  • योग्यता और ईमानदारी की आवश्यकता बताई गई।
  • पुलिसिंग में गंभीर कमी है।

पटना, 20 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने रविवार को प्रदेश की कानून व्यवस्था पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तीखा सियासी हमला किया है। उन्होंने सलाह दी कि राज्य को धर्म, जाति, 'डीके टैक्स' और चाटुकारिता के बजाय योग्यता, ईमानदारी और दक्षता से चलाना चाहिए। यदि यह सोच नहीं बदली, तो इतिहास आपको भाजपा के इशारे पर चलने वाले एक असफल शासक के रूप में याद करेगा।

बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "20 वर्षों की एनडीए सरकार और मुख्यमंत्री के मीडिया प्रबंधन से बनाई गई सुशासन की छवि का नकली पर्दा अब पूरी तरह से हट चुका है। बिहार के हर कोने में हो रही आपराधिक घटनाओं और चारों ओर फैले भ्रष्टाचार ने बिहार की वास्तविकता आपके सामने रख दी है।"

उन्होंने आगे कहा कि अपराधियों और भ्रष्ट अधिकारियों का गठजोड़ अब बिहार की व्यवस्था का एक हिस्सा बन चुका है। जाति-धर्म और अघोषित 'डीके टैक्स अधिनियम' के तहत होने वाले ट्रांसफर-पोस्टिंग उद्योग ने भ्रष्टाचार का एक स्थायी ढांचा खड़ा कर दिया है। जो इसमें फिट बैठेगा, वही फील्ड की पोस्टिंग पाएगा। गांव से लेकर सचिवालय तक कोई भी काम बिना घूस के नहीं होता। गरीब पेंशन के लिए दर-दर भटकता है, किसान मुआवजे के लिए चक्कर लगाता है, छात्रवृत्ति पाने के लिए विद्यार्थी गिड़गिड़ाते हैं, लेकिन इस भ्रष्ट एनडीए सरकार के हर दरवाजे पर "प्रीपेड टैक्स" यानी रिश्वत देनी पड़ती है।

तेजस्वी ने लिखा, "एनडीए शासन में अधिकारियों की पोस्टिंग धर्म, जाति और डीके टैक्स के आधार पर होती है। योग्यता, दक्षता, परिणाम और ईमानदारी जैसे शब्द इस सरकार के प्रशासनिक शब्दकोश से गायब हो चुके हैं।"

विपक्ष के नेता तेजस्वी ने अपराधियों के हौसले बढ़ने के आरोप लगाते हुए कहा कि बिहार पुलिस की मारक क्षमता को इस कदर कुंद कर दिया गया है कि अपराधी बेखौफ होकर घर, अस्पताल, सड़क, कोर्ट और थाने में घुसकर निर्मम हत्याएं कर रहे हैं। थाना स्तर पर पोस्टिंग अब केवल वसूली के अधिकार की तरह बांटी जाती है। जिन अधिकारियों में असली पुलिसिंग की क्षमता है, उन्हें हाशिए पर डाल दिया गया है क्योंकि वे संविधान सम्मत कार्य करते हैं, राजनीतिक बंदी के तौर पर नहीं।

Point of View

हमें यह समझना चाहिए कि बिहार की स्थिति गंभीर है। विपक्ष के नेता द्वारा उठाए गए प्रश्न महत्वपूर्ण हैं, और इस पर विचार किया जाना चाहिए। क्या हम सही दिशा में बढ़ रहे हैं? क्या हम अपने शासन को सुधार सकते हैं? यह समय है कि हम समाज की भलाई के लिए ठोस कदम उठाएं।
NationPress
20/07/2025

Frequently Asked Questions

तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार पर क्या आरोप लगाए?
तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि बिहार की कानून व्यवस्था में गंभीर खामियां हैं और अपराधियों और भ्रष्ट अधिकारियों का गठजोड़ बन चुका है।
किस तरह की व्यवस्था का सुझाव दिया गया है?
तेजस्वी ने सुझाव दिया कि बिहार को योग्यता, ईमानदारी और दक्षता के आधार पर चलाया जाना चाहिए।