क्या तेजस्वी यादव हमेशा अभद्र भाषा का प्रयोग करते हैं?

सारांश
Key Takeaways
- तेजस्वी यादव का विवादित बयान
- राजेश वर्मा की तीखी प्रतिक्रिया
- महागठबंधन में मतभेद
- बिहार में अपराध का बढ़ता स्तर
- चिराग पासवान का पत्राचार
नई दिल्ली, 14 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। लोक जनशक्ति (रामविलास) पार्टी के सांसद राजेश वर्मा ने बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता तेजस्वी यादव के उस विवादास्पद बयान पर प्रतिक्रिया दी है, जिसमें तेजस्वी ने सवाल उठाया था कि वोटर लिस्ट पुनरीक्षण के दौरान विदेशी नागरिकों के नाम का आधार क्या है? इस पर लोजपा सांसद राजेश वर्मा ने कहा कि तेजस्वी का राजनीतिक दृष्टिकोण और उनकी भाषा हमेशा इसी तरह की रही है।
राजेश वर्मा ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में तेजस्वी यादव के अभद्र भाषा के उपयोग पर कहा कि उन्होंने अमर्यादित शब्दों का प्रयोग किया है। यह स्पष्ट करता है कि महागठबंधन किस प्रकार की राजनीति कर रहा है और भविष्य में क्या करेगा। तेजस्वी का राजनीतिक व्यवहार और उनकी भाषा हमेशा से इसी तरह रही है। बिहार में चुनाव अभी नहीं हुए हैं, लेकिन यदि चुनाव जीतने की उम्मीद में भाषा में इतनी खराबी है, तो यदि ऐसे लोग किसी गठबंधन में शामिल हो गए, तो यह चिंतनीय होगा कि उनकी भाषा की मर्यादाएं क्या होंगी?
बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण के दौरान म्यांमार, नेपाल और बांग्लादेश के नागरिकों के नाम सामने आने पर उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर महागठबंधन को बोलने की आवश्यकता है। महागठबंधन ने रैली निकालकर एकजुटता दिखाई थी। दूसरी ओर, राहुल गांधी के मंच पर पप्पू यादव और कन्हैया कुमार को चढ़ने नहीं दिया गया। महागठबंधन में अंदरूनी मतभेद चल रहे हैं, और पार्टियों के बीच तालमेल की कमी है। महागठबंधन म्यांमार, नेपाल और बांग्लादेश के नागरिकों की रक्षा करने का प्रयास कर रहा था।
बिहार में बढ़ते अपराध पर राजेश वर्मा ने कहा कि हमारे पार्टी के नेता चिराग पासवान ने इस विषय पर मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। उन्होंने सोशल मीडिया पर अपनी नाराजगी व्यक्त की। एक ओर, एनडीए के बाहर घटक दल हमारी पार्टी पर आरोप लगा रहे हैं कि हम सरकार के खिलाफ बयान देकर एनडीए की मर्यादा का उल्लंघन कर रहे हैं। हम मानते हैं कि एक ईमानदार एनडीए का साथी होने का सबसे बड़ा प्रमाण सरकार की कमियों को उसके सामने रखना है। चिराग पासवान ने स्पष्ट किया कि कहीं न कहीं अपराध बढ़ा है और कानून व्यवस्था ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के मॉडल को अपनाने का यह सही समय है। अपराधियों को उनकी भाषा में जवाब दिया जाना चाहिए।