क्या तेलंगाना सरकार सभी सरकारी आदेशों को अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड करेगी?: हाई कोर्ट

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क्या तेलंगाना सरकार सभी सरकारी आदेशों को अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड करेगी?: हाई कोर्ट

सारांश

तेलंगाना हाईकोर्ट ने सरकार को आदेश दिया है कि वह सभी सरकारी आदेशों को अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड करें। यह निर्णय नागरिकों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है। जानिए इस मामले की पूरी जानकारी और इसके पीछे के तर्क।

Key Takeaways

  • सार्वजनिक पारदर्शिता की आवश्यकता
  • नागरिकों के अधिकारों की सुरक्षा
  • सरकारी आदेशों का ऑनलाइन प्रकाशन अनिवार्य
  • भ्रष्टाचार के खिलाफ संरक्षण
  • हाईकोर्ट का निर्णय महत्वपूर्ण

हैदराबाद, 23 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। तेलंगाना हाईकोर्ट ने मंगलवार को राज्य सरकार को सभी सरकारी आदेशों (जीओ), परिपत्रों, नियमों और अधिसूचनाओं को अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड करने का आदेश दिया।

एकल-न्यायाधीश पीठ ने इस बात पर गंभीर संज्ञान लिया कि अधिकांश जीओ आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड नहीं किए गए हैं।

न्यायाधीश सुरेपल्ली नंदा ने कहा कि नागरिकों को सार्वजनिक जीवन को प्रभावित करने वाले सरकारी निर्णयों और नीतियों तक पहुंच का निवास अधिकार है।

न्यायाधीश ने अधिकारियों को 10 अप्रैल, 2017 के जीओ संख्या 4 में निर्धारित दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया, जिसमें जनता की पहुंच के लिए सभी आधिकारिक दस्तावेजों के व्यापक ऑनलाइन प्रकाशन को अनिवार्य किया गया है।

न्यायाधीश ने टिप्पणी की कि शासन में पारदर्शिता कोई विकल्प नहीं बल्कि लोकतंत्र की मूलभूत आवश्यकता है।

अदालत तेलंगाना अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति आयोग के पूर्व अध्यक्ष एरौल्ला श्रीनिवास द्वारा दायर एक रिट याचिका पर सुनवाई कर रही थी।

याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि सरकार ने जानबूझकर सरकारी आदेशों को अपलोड नहीं किया, जिससे नागरिकों को उनके जानने के अधिकार से वंचित किया गया और भ्रष्टाचार के लिए अनुकूल वातावरण तैयार हुआ।

याचिकाकर्ता के वकील ने सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत प्राप्त आंकड़े अदालत में प्रस्तुत किए।

भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के विधायक टी. हरीश राव द्वारा दायर एक आरटीआई के जवाब में, सूचना प्रौद्योगिकी, इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार विभाग ने बताया कि 7 दिसंबर, 2023 से 26 जनवरी, 2025 के बीच जारी किए गए 19,064 सरकारी आदेशों में से केवल 3,290 ही सार्वजनिक रूप से उपलब्ध हैं।

आरटीआई के जवाब से पता चलता है कि 15,774 सरकारी आदेश सार्वजनिक रूप से उपलब्ध नहीं हैं।

Point of View

बल्कि यह नागरिकों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए भी महत्वपूर्ण है। सरकारी आदेशों की सार्वजनिक उपलब्धता से नागरिकों को उनके अधिकारों की जानकारी मिलेगी और भ्रष्टाचार की संभावनाएं भी कम होंगी।
NationPress
23/12/2025

Frequently Asked Questions

तेलंगाना सरकार को क्यों आदेश दिया गया?
हाईकोर्ट ने नागरिकों के अधिकारों की सुरक्षा और सरकारी पारदर्शिता के लिए सभी सरकारी आदेशों को वेबसाइट पर अपलोड करने का आदेश दिया।
कितने सरकारी आदेश अभी तक अपलोड नहीं हुए हैं?
आरटीआई के जवाब से पता चलता है कि 15,774 सरकारी आदेश अभी तक सार्वजनिक रूप से उपलब्ध नहीं हैं।
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