क्या पूर्व क्रिकेटर अजहरुद्दीन को एमएलसी पद के लिए नामित किया गया?

सारांश
Key Takeaways
- तेलंगाना सरकार का महत्वपूर्ण निर्णय
- अजहरुद्दीन का राजनीतिक योगदान
- खेल और राजनीति का संगम
- सामाजिक सेवा के प्रति प्रतिबद्धता
- राजनीतिक समीकरणों का प्रभाव
नई दिल्ली, 31 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। तेलंगाना सरकार ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन और प्रोफेसर कोडंडाराम रेड्डी को विधान परिषद (एमएलसी) के लिए नामित किया है। इस निर्णय पर कैबिनेट बैठक में मुहर लगाई गई। इसके बाद, खेल और राजनीति के क्षेत्र में इस फैसले पर चर्चाएँ बढ़ गई हैं। इस अवसर पर, अजहरुद्दीन ने पार्टी हाईकमान के प्रति आभार व्यक्त किया है।
मोहम्मद अजहरुद्दीन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, "तेलंगाना में राज्यपाल कोटे के अंतर्गत एमएलसी पद के लिए मुझे मनोनीत करने के कैबिनेट के फैसले से मैं अत्यंत सम्मानित और विनम्र महसूस कर रहा हूं। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और केसी वेणुगोपाल को उनके विश्वास और आशीर्वाद के लिए दिल से धन्यवाद।"
उन्होंने आगे लिखा, "मैं मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी, उपमुख्यमंत्री भट्टी विक्रमार्क मल्लू और कैबिनेट, टीपीसीसी अध्यक्ष महेश गौड़ और तेलंगाना प्रभारी मीनाक्षी नटराज के मार्गदर्शन और समर्थन के लिए आभारी हूं। मैं अपने राज्य की सेवा करने के लिए पूरी ईमानदारी और समर्पण के साथ प्रतिबद्ध हूं।"
इससे पहले, तेलंगाना के जुबली हिल्स सीट पर उपचुनाव में भी अजहरुद्दीन का नाम चर्चा में था, लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिल सका। हालाँकि, राजनीतिक समीकरणों को देखते हुए पार्टी ने उन्हें विधान परिषद भेजने का निर्णय लिया है।
अजहरुद्दीन 2009 में उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद से लोकसभा सांसद बने थे। 2014 में उन्हें राजस्थान के टोंक-सवाई माधोपुर से टिकट मिला, लेकिन वे हार गए। 2018 में उन्हें तेलंगाना कांग्रेस का वर्किंग प्रेसिडेंट बनाया गया था। 2023 में उन्हें जुबली हिल्स से टिकट मिला था, लेकिन वे चुनाव हार गए।
बीआरएस नेता मागांती गोपीनाथ ने उन्हें चुनाव में हराया था। बाद में, विधायक मागांती गोपीनाथ के निधन के बाद जुबली हिल्स सीट खाली हो गई है, जिसके कारण उपचुनाव होना था। अजहरुद्दीन ने इस सीट से उपचुनाव लड़ने के लिए दावेदारी की थी।