क्या तेलंगाना में ओबीसी के लिए 42 प्रतिशत आरक्षण एक सामूहिक लड़ाई है? : राहुल गांधी

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क्या तेलंगाना में ओबीसी के लिए 42 प्रतिशत आरक्षण एक सामूहिक लड़ाई है? : राहुल गांधी

सारांश

तेलंगाना में ओबीसी को 42 प्रतिशत आरक्षण का मुद्दा केवल एक राज्य का नहीं, बल्कि एक राष्ट्रीय संघर्ष बन गया है। जानिए कैसे राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा इस संघर्ष को आगे बढ़ा रहे हैं।

Key Takeaways

  • तेलंगाना में ओबीसी के लिए 42 प्रतिशत आरक्षण का ऐतिहासिक निर्णय।
  • इस आरक्षण का आधार जाति जनगणना के आंकड़े हैं।
  • राहुल गांधी और प्रियंका गांधी का समर्थन।
  • यह लड़ाई केवल तेलंगाना के लिए नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए है।
  • हाशिए पर पड़े समुदायों के लिए न्याय और समानता की आवश्यकता।

नई दिल्ली, 6 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। तेलंगाना की रेवंत रेड्डी सरकार ने राज्य में ओबीसी को 42 प्रतिशत आरक्षण देने की घोषणा की है। इस फैसले का लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने समर्थन किया है।

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा कि तेलंगाना सरकार और कांग्रेस ने आज दिल्ली में धरना दिया और राष्ट्रपति से शिक्षा, रोजगार और स्थानीय प्रशासन में पिछड़े वर्गों के लिए 42 प्रतिशत आरक्षण वाले कानून को मंजूरी देने की मांग की। यह कानून जाति जनगणना के आंकड़ों पर आधारित है और संविधान के सामाजिक न्याय के दृष्टिकोण में एक महत्वपूर्ण कदम है।

राहुल गांधी ने कहा कि 'मैं उन सभी नेताओं का आभारी हूं जिन्होंने समर्थन किया और आशा करता हूं कि राष्ट्रपति इसका ध्यान रखेंगे। यह लड़ाई केवल तेलंगाना के लिए नहीं, बल्कि हाशिए पर पड़े समुदायों के लिए भी है जो सत्ता और प्रगति में उनका वाजिब हिस्सा चाहते हैं।'

प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी सोशल मीडिया पर पोस्ट किया कि तेलंगाना की कांग्रेस सरकार ने ओबीसी के लिए 42 प्रतिशत आरक्षण सुनिश्चित करने वाला एक ऐतिहासिक विधेयक पारित किया है। यह जाति जनगणना के आंकड़ों के आधार पर एक साहसिक कदम है। लेकिन यह विधेयक अभी राष्ट्रपति की मंजूरी का इंतजार कर रहा है। इसके विरोध में मुख्यमंत्री, मंत्रियों, सांसदों, विधायकों और कांग्रेस नेताओं ने दिल्ली में धरना दिया और तत्काल मंजूरी की मांग की।

उन्होंने कहा कि 'यह केवल तेलंगाना की लड़ाई नहीं है, यह हाशिए पर पड़े समुदायों के लिए न्याय, समानता और उचित प्रतिनिधित्व का एक राष्ट्रीय आह्वान है।' देरी से मिला न्याय, न्याय से वंचित होना है।

Point of View

यह स्पष्ट होता है कि ओबीसी के लिए आरक्षण का यह निर्णय न केवल एक राज्य के लिए, बल्कि पूरे देश भर के हाशिए पर पड़े समुदायों के अधिकारों की रक्षा का एक महत्वपूर्ण कदम है। इसे सामाजिक न्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रगति माना जा सकता है।
NationPress
06/08/2025

Frequently Asked Questions

तेलंगाना में ओबीसी के लिए आरक्षण का क्या महत्व है?
यह आरक्षण हाशिए पर पड़े समुदायों को शिक्षा, रोजगार और स्थानीय प्रशासन में समान अवसर प्रदान करने का एक प्रयास है।
कौन से नेता इस आरक्षण का समर्थन कर रहे हैं?
राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा जैसे नेता इस आरक्षण का समर्थन कर रहे हैं।
यह आरक्षण कब तक लागू होगा?
यह आरक्षण राष्ट्रपति की मंजूरी का इंतजार कर रहा है।
क्या यह केवल तेलंगाना की लड़ाई है?
नहीं, यह हाशिए पर पड़े समुदायों के लिए एक राष्ट्रीय आह्वान है।
आरक्षण के लिए धरना कब आयोजित किया गया था?
धरना हाल ही में दिल्ली में आयोजित किया गया था।